नई दिल्ली. कोरोना के मामले पूरी तरह से खत्म नहीं हुए कि इसी बीच एक और दुर्लभ बीमारी ने दस्तक दी है. इस बीमारी को मंकीपॉक्स का नाम दिया गया है. अबतक लगभग 70 देशों में यह बीमारी फैल चुकी है. नोएडा स्थित मैक्स हॉस्पिटल की फिजिशियन डॉक्टर गुंजन मित्तल का कहना है कि मंकीपॉक्स एक वायरल डिजीज है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की संभावना होती है. चिकनपॉक्स भी एक वारयल डिजीज है. हालांकि, इन दोनों के बीच कई अंतर भी हैं. आज हम इस लेख में मंकीपॉक्स और चिकनपॉक्स के बीच होने वाले अंतर के बारे में जानेंगे.
चिकन पॉक्स और मंकीपॉक्स में अंतर
- डॉक्टर का कहना है कि मंकीपॉक्स ऑर्थोपॉक्सवायरस के कारण फैलता है. वहीं, चिकनपॉक्स वैरिसेला-जोस्टर वायरस की वजह से फैलता है, जो काफी संक्रामक है.
- मंकीपॉक्स से ग्रसित मरीजों के शरीर पर 1 से 5 दिनों के बीच अंदर दाने निकलने लगते हैं. यह दाने चेहरे से शुरू होता है और धीरे-धीरे शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने लगता है. वहीं, चिकनपॉक्स के दाने छाती, पीठ और फिर चेहरे से शुरू होते हैं, जो धीरे-धीरे पूरे शरीर पर निकल आते हैं.
- मंकीपॉक्स से ग्रसित व्यक्ति को बुखार होने के 1 से 5 दिन बाद रैशेज दिखाई देते हैं. वहीं, चिकनपॉक्स में चकत्ते पहले दिखाई देते हैं. इसके करीब 1 से 2 दिन बाद व्यक्ति को बुखार होता है.
- मंकीपॉक्स में लिम्फ नोड्स में काफी सूजन दिखाई देती है. वहीं, चिकनपॉक्स के लिम्फ नोड्स में सूजन नहीं आती हैं.
- मंकीपॉक्स की इन्क्यूबेशन पीरियड करीब 5 से 21 दिनों तक होती है. वहीं, चिकनपॉक्स की इन्क्यूबेशन पीरियड 4 से 7 दिनों तक रहती है.
- मंकीपॉक्स वायरस डैमेज स्किन, सांस और श्लेष्म झिल्ली के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है जबकि चिकनपॉक्स वायरस मुख्य रूप से श्वसन पथ के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है.