सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से दक्षिण अफ्रीका जाकर अरबों का कारोबार खड़ा करने वाले गुप्ता ब्रदर्स आज फिर चर्चा में है। कारण है गुप्ता ब्रदर्स के दो भाइयों की गिरफ्तारी। दरअसल दुबई से दो गुप्ता भाइयों को गिरफ्तार किया गया है। दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने इनकी गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए कहा कि राजेश गुप्ता और अतुल गुप्ता को संयुक्त अरब अमीरात में गिरफ्तार कर लिया है। किसी समय में गुप्ता बंधुओं की गिनती दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर कारोबारियों में होती थी, लेकिन बीते कुछ साल से इनके सितारे गर्दिश में थे।
गुप्ता बंधुओं पर आरोप है कि उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलकर करोड़ों का घोटाला किया। इन्हीं गुप्ता बंधुओं के कारण जैकब जुमा पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज हुआ था, जिसके चलते बाद में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। गुप्ता बंधुओं का जैकब जुमा के साथ ऐसे नजदीकी संबंध थे कि दक्षिण अफ्रीकी लोग इन्हें ‘जुप्ताज’ कहने लगे थे। राष्ट्रपति जैकब जुमा पर आरोप लगा था कि उन्होंने गुप्ता परिवार को गैरवाजिब तरीकों से फायदा पहुंचाया।
यूपी के सहारनपुर के एक सामान्य परिवार से निकलकर दक्षिण अफ्रीका में करोड़ों का कारोबार बनाने और फिर घोटाले के मामले में देश छोड़ने के बाद जेल जाने की गुप्ता बंधुओं की कहानी बहुत फिल्मी और लंबी है। यहां हम शॉट में इस पूरी कहानी से जुड़ी महत्वपूर्ण चीजों को बता रहे हैं। गुप्ता बंधुओं की कहानी की शुरुआत 1993 में होती है। तब तीनों भाई अजय, अतुल और राजेश दक्षिण अफ्रीका पहुंचे और धीरे-धीरे अपना कारोबार फैलाते हुए देश के सबसे अमीर कारोबारी बने।
गुप्ता बंधुओं के पिता शिवकुमार गुप्ता सहारनपुर के रानीबाजार स्थित रायवाला मार्केट में कभी राशन की दुकान चलाया करते थे। इन तीनों भाइयों का बचपन यही बीता। शुरुआती पढ़ाई के बाद 1985 में पिता शिवकुमार गुप्ता ने अपने मंझले और सबसे तेज बेटे अतुल गुप्ता को पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा। यही से अतुल ने पढ़ाई के दौरान होटल हयात में नौकरी की। फिर दक्षिण अफ्रीका चले गए। उस समय दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद नीति का जोर था। वहां पहुंचकर उन्हें लगा कि यहां बिजनेस का अच्छा स्कोप है। इसके बाद उन्होने अपने अन्य दोनों भाइयों को भी अफ्रीका बुलवा लिया।
1993 में अतुल ने दक्षिण अफ्रीका में सहारा कंप्यूटर्स की शुरुआत की। धीरे-धीरे इनका कारोबार फैला और पूरे देश में इसकी ब्रांच खुली। बिजनेस चल निकलने पर इन तीनों भाइयों ने अन्य कारोबार भी ध्यान दिया। राजनीतिक संपर्क के दम पर इन्होंने कोल, गोल्ड माइनिंग के बाद मीडिया कंपनी भी खोली। मीडिया के जरिए ये जैबक जुमा के लिए पॉजिटिव इमेज बनाते गए और बदले में इन्हें सरकार आगे बढ़ाती गई।
1994 में पिता शिवकुमार गुप्ता के निधन के बाद गु्प्ता बंधुओं ने पत्नी और बच्चों के साथ दक्षिण अफ्रीका की नागरिकता हासिल कर ली। फिर वहीं पूरे परिवार रहकर बिजनेस को आगे बढ़ाने लगे। 2016 में यह खबर सामने आई कि अतुल गुप्ता दक्षिण अफ्रीका के सबसे अमीर अश्वेत बन गए है। तब उनकी संपत्ति करीब 55 अरब रुपए बताई गई। हालांकि यह सिर्फ एक भाई की दौलत थी, पूरे परिवार का दौलत जोड़ा जाए तो वह इससे कई गुना अधिक था।
2016 में दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन उप वित्त मंत्री मसोबीसी जोनास ने गुप्ता बंधुओं पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि गुप्ता बंधुओं ने वित्त मंत्री नेने को पद से हटाकर मुझे नया वित्त मंत्री बनवाने का भरोसा दिया था। इसके बाद अफ्रीका की सियासत में भूचाल आ गया। इसके बाद जैकब जुमा को संसद में महाभियोग का सामना करना पड़ा। हालांकि तब वो महाभियोग से तो बच गए लेकिन बाद में उनकी पार्टी ने ही उन्हें पद से हटा दिया।
इस बीच गुप्ता बंधुओं पर और कई भ्रष्टाचार के आरोप लगे। यह भी बात सामने आई कि उन्होंने मंत्रीमंडल गठन में हस्तक्षेप किया। जब ये सारी बातें सार्वजनिक हुई तो आम लोगों का गुस्सा भड़क उठा। जैकब जुमा और गुप्ता बंधुओं के खिलाफ लोग देश की राजधानी जोहान्सबर्ग की सड़कों पर उतर आए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों का एक नारा ‘गुप्ता मस्ट फॉल’ बड़ा चर्चित हुआ था।
भ्रष्टाचार के आरोप और लोगों का गुस्सा देखकर दक्षिण अफ्रीका के सभी बड़े बैंकों ने धीरे-धीरे गुप्ता परिवार से किनारा करना शुरू कर दिया। यहां तक कि बैंक ऑफ चाइना ने भी उनकी कंपनियों से नाता तोड़ लिया। दक्षिण अफ्रीका के चार बड़े बैंक एबीएसए, एफएनबी, स्टैंडर्ड और नेडबैंक ने मार्च 2016 में गुप्ता परिवार को बता दिया था कि वो अब उनकी कंपनियों को बैंकिंग सुविधा नहीं दे पाएंगे।
इसके बाद गुप्ता ब्रदर्स को देश छोड़कर दुबई भागना पड़ा। अब उनके कई कई कारोबार बंद हो चुके हैं। गुप्ता बंधुओं पर काफी कर्ज भी है। जिसे चुकाने के लिए उनकी संपत्तियों को नीलाम किए जाने की कवायद चल रही है। इस बीच आज गुप्ता बंधुओं में से दो भाई अतुल और राजेश को दुबई में गिरफ्तार कर लिया गया है। तीसरे भाई अजय के बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। अब चर्चा है कि दक्षिण अफ्रीकी विजिलेंस टीम उन्हें वापस दक्षिण अफ्रीका ले जाकर पूछताछ करेगी।