नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2022 थी। इस बार आईटीआर फाइल करने के लिए नियत तारीख का विस्तार नहीं किया। इसलिए, संभावना है कि कई करदाताओं ने आईटीआर फाइल करने में कुछ गलतियां तो जरूर की होंगी। आईटीआर फाइलिंग में गलतियां गलत बैंक खाता संख्या का उल्लेख करने से लेकर आय घोषित करने की भूल करने से लेकर गलत कटौती का दावा करने तक हो सकती हैं। अगर आपने भी इसमें से कोई गलती की है, तो इसे ठीक करने का तरीका जरूर जान लीजिए, जिससे आपको कोई समस्या न हो।

रिवाइज्ड आईटीआर उस सूरत में भरा जाता है, जब आपके आईटीआर में कुछ गलतियां रह गई हों। यानी अगर आपने आईटीआर के दौरान कुछ गलतियां कर दी हैं, तो आप उन्हें इसके जरिए सुधार सकते हैं। रिवाइज्ड रिटर्न आयकर की धारा 139 (5) के तहत भरा जाता है। रिवाइज्ड आईटीआर सिर्फ वही व्यक्ति भर सकता है, जिसने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपना आईटीआर 31 जुलाई 2022 तक भरा है। अगर किसी ने अपना आईटीआर 1 अगस्त 2022 को फाइल किया है, तो वह अपने आईटीआर को रिवाइज्ड नहीं कर सकता है।

केंद्र ने केंद्रीय बजट 2021 में एक घोषणा की थी कि उसने रिवाइज्ड आईटीआर दाखिल करने के समय को तीन महीने कम कर दिया है। वित्त वर्ष 2019-20 तक, एक व्यक्ति को संबंधित आकलन वर्ष के 31 मार्च तक आईटीआर दाखिल करने की अनुमति थी। हालांकि, वित्त वर्ष 2020-21 से रिवाइज्ड आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख संबंधित आकलन वर्ष की 31 दिसंबर है। इसलिए, वित्त वर्ष 2021-22 (AY 2022-23) के लिए रिवाइज्ड ITR दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर, 2022 है।

बता दें कि आप अपने रिटर्न को कितनी भी बार चाहें रिवाइज्ड कर सकते हैं। रिवाइज्ड रिटर्न के बाद ओरिजनल रिटर्न की वैल्यू खत्म हो जाती है। यानी अगर आपने अपने पहले रिटर्न में 10 लाख की टैक्स देनदारी दर्ज कराई है और रिवाइज्ड में 8 लाख की तो 8 लाख वाला रिटर्न ही मान्य होगा।

वहीं, अगर आपने अपने पुराने आईटीआर में 10 लाख की टैक्स देनदारी दिखाई है और रिवाइज्ड में आप 15 लाख की टैक्स देनदारी बता रहे हैं, तो आपको पहले 5 लाख के टैक्स का भुगतान करना होगा, उसके बाद ही आप अपने आईटीआर को रिवाइज्ड कर पाएंगे। जानकारी के लिए बता दें कि ये पेंमेंट सेल्फ असेसमेंट इयर के आधार पर ही होगी, जैसा कि आपने अपने ओरिजनल आईटीआर में किया था।