कोटा. संघ लोक सेवा आयोग ने सिविल सेवा परीक्षा 2021 के फाइनल रिजल्ट में कोटा के राघव मीणा ने 343वीं रैंक हासिल की है. ST कोटे से उनकी 6वीं रैंक है. राघव ने बताया कि शुरू से ही वो IAS बनना चाहते थे. पिछले तीन बार से लगातार प्रयास कर रहे थे. पहले प्रयास में 6 नंबर से इंटरव्यू में रह गए थे. दूसरे प्रयास में 588वीं रैंक मिली. IPS में चयन हुआ था. यहां तक पहुंचने का उनका सफर बेहद ही मुश्किलों भरा रहा लेकिन मन में कुछ कर गुजरने की चाहत, लोगों की नेगेटिविटी को पॉजिटिव में बदलते हुए राघव अब कलेक्टर बनने जा रहे हैं. तीसरे प्रयास में राघव 343वीं रैंक ला कर अब कलेक्टर बनने जा रहे हैं.

राघव मीणा ने बताया कि पिता कोटा में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी शहर हैं, माता ग्रहणी है, भाई गाजियाबाद में भारतीय मानक ब्यूरो में असिस्टेंड डायरेक्टर है. राघव ने बताया कि वह कक्षा 12वीं फेल हो गए थे, उस समय सभी के ताने सुने, मन भी विचलित हुआ, बेहद तनाव था, लेकिन उसी क्षण दृढ निश्चय किया कि कुछ कर दिखाना है, उसके बाद पीछे मुडकर नहीं देखा, और सफलता के पायदान चढ़ते चले गए.

राघव ने कहा कि 2017 में उन्होंने भोपाल से इलेक्ट्रिक में बीटेक किया था, उसके बाद दिल्ली की एक कोचिंग से 2018 में आईएएस की कोचिंग की. 2019 की सिविल परीक्षा में पहली बार पेपर दिया, लेकिन सफलता नहीं मिली. उसके बाद घर आकर सेल्फ स्टेडी की. रोजाना 6 से 8 घंटे निरंतर पढ़ाई की, इसके आधार पर 2020 में फिर से सिविल परीक्षा दी, जिसमें उनको 588वीं रैंक मिली उनको आईपीएस का कैडर आवंटित हुआ. 2021 में फिर से सिविल परीक्षा का पेपर देने के लिए आवेदन करने के पश्चात ट्रैनिंग से छुट्टी लेकर निरंतर पढ़ाई की और सफलता मिली.

राघव बताते हैं कि घर पर जब सेल्फ स्टडी चल रही थी, तब कोविड अधिक था, ऐसे में घर में ही मां व दादी कोविड पॉजिटिव हो गए, उनकी देखभाल की, पढाई भी की, काफी परेशानियां आई, लेकिन धीरे-धीरे सब ठीक हो गया, घर पर पहले 6-7 घंटे पढाई करते थे, परीक्षा पास आई तो 10 घंटे तक पढाई की, उसके बाद सफलता मिली, उन्होंने कहा कि कोटा संभाग से कम ही लोग आईएएस बने हैं, यहां कल्चर भी नहीं है, परिवार में भी कोई गाडइ करने वाला नहीं था, ऐसे में कई परेशानियां आई, लेकिन मेहनत और मन में जुनून था,इसलिए आईएएस बने।

राघव ने कहा कि युवाओं को किसी भी परीक्षा की तैयारी करने के लिए पहले दृढ़ निश्चय कर ले कि मुझे यह सफलता पानी है, इसके लिए भले ही कुछ भी करना पड़े. उसके बाद आप निरंतर उस परीक्षा की तैयारी करें तो सफलता पाई जा सकती है, उनका आईपीएस में चयन होने के बाद भी आईएएस बनने का ख्वाब था. इसके लिए निरंतर तैयारी करता रहता था. युवा मेहनत करें, हार से डरें नहीं हार से सबक लें और लक्ष्य को प्राप्त करें.