नई दिल्ली. भारत में वर्गवाद और भेदभाव कोई नई बात नहीं है. अफसोस की बात है कि ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें घरेलू कामों, डिलिवरी करने वालों आदि के साथ रोज़ाना भेदभाव किया जाता है. कुछ ऐसा ही एक और मामला सामने आया है, जिसमें काम वाली बाई, डिलिवरी बॉय व ड्राइवर्स भेदभाव का शिकार हुए. हैदराबाद में मौजूद एक हाउसिंग सोसाइटी की सोशल मीडिया पर जमकर लताड़ लगाई जा रही है, जब उनके द्वारा काम वाली महिलाओं, ड्राइवरों और डिलिवरी बॉयज को मुख्य लिफ्ट का उपयोग नहीं करने के लिए कहा गया. अगर वह ऐसा करते हैं तो उन पर 300 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.

स्वतंत्र फोटो जर्नलिस्ट हर्ष वेदलामनी ने अपने ट्विटर हैंडल से एक तस्वीर पोस्ट की है. हैदराबाद में कहीं एक लिफ्ट के बाहर एक नोटिस को देखा तो वह हैरान रह गए. उन्होंने इसकी तस्वीर क्लिक करके अपने हैंडल पर शेयर कर दिया. हर्ष द्वारा शेयर की गई तस्वीर में लिखा है, ‘अगर नौकरानियां, ड्राइवर या डिलिवरी बॉय मेन लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं तो 300 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा.’

पोस्टर अब वायरल हो गया है, और नेटिज़न्स ने बिल्डिंग अथॉरिटी के भेदभावपूर्ण रवैये की आलोचना की. हालांकि, कुछ ऐसे भी थे जिन्होंने इस मामले में बचाव भी किया, और इसे एक कोविड एहतियाती कदम बताया. दूसरों ने इसे कोई बड़ी बात नहीं समझा और इसे ‘सामान्य’ करार दिया. और कुछ अन्य लोगों ने दावा किया कि यह पोस्टर उन्हें सुनिश्चित करने के लिए था कि डिलिवरी करने वाले लोग लिफ्ट को थूककर और गंदा न करें. कुछ महीने पहले, उदयपुर के एक मॉल में इसी तरह का एक नोटिस लगाया गया था जिसमें कहा गया था कि फूड डिलिवरी अधिकारी लिफ्ट का उपयोग नहीं कर सकते हैं और इसके बजाय सीढ़ियों का उपयोग करना चाहिए.