नई दिल्ली. आजकल के समय में हर मध्यम वर्ग व्यक्ति अपने घर के सपने को पूरा करने के लिए होम लोन का सहारा लेता है लेकिन, हाल ही में दो बार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपने मई और जून में 0.90 प्रतिशत का रेपो रेट बढ़ाने का फैसला किया है. इसके बाद से ग्राहकों को सभी तरह के लोन पर ज्यादा ब्याज दर देना पड़ रहा है. इससे लोगों पर ज्यादा EMI का बोझ पड़ने वाला है. ऐसे में अगर आप भी ज्यादा ईएमआई देने से परेशान हैं और इसे कम करने के ऑप्शन तलाश रहे हैं तो होम लोन ट्रांसफर करना एक आसान और कॉमन ऑप्शन है.

इस प्रोसेस के जरिए लोग अपने मौजूदा लोन को एक बैंक या वित्तीय कंपनी से दूसरे लोन बैंक या वित्तीय कंपनी में ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके बाद आपको नए ब्याज दर से कई किस्तों के साथ लोन को चुकाना होगा.

होम लोन ट्रांसफर करना एक आसान ऑप्शन लगता है लेकिन, कई बार यह बहुत जटिल भी हो जाता है. हमें किसी भी तरह के लोन को ट्रांसफर करने से पहले ये बात अच्छी तरह से पता करनी चाहिए कि क्या वाकई में लोन ट्रांसफर करने पर आपको लाभ हो रहा है या नहीं. इसमें आपको लोन की शर्तों को सही तरीके से पढ़ना, अच्छी फैसिलिटी का चुनाव करना और सभी तरह के प्री-अप्रूव्ड ऑफर्स को चेक करना यह सभी चीजें बहुत जरूरी है.

किसी भी तरह के होम लोन को ट्रांसफर करने से पहले यह जरूर चेक कर लें कि इस पूरे लोन प्रोसेस में आपको कितने पैसे लग रहे हैं. कई बार लोन पर मिलने वाली छूट से कहीं ज्यादा आपको इसका का प्रोसेसिंग फीस देना पड़ता है. ऐसे में यह फायदे का सौदा नहीं होता है. ऐसे में सभी चीजों के सही तरीके से चेक करने के बाद ही अपने लोन को ट्रांसफर करने का निर्णय लें.

आपको यह भी चेक करना है कि आपके लोन की राशि कितनी है. अगर आपको कम राशि में ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा है तो ऐसी स्थिति में होम लोन ट्रांसफर करने पर आपको ज्यादा लाभ नहीं मिलेगा लेकिन, बड़ी राशि में 1 प्रतिशत के ब्याज दर पर भी बहुत बड़ा फर्क पड़ सकता है.

इसके बाद नए बैंक से लोन लेने से पहले उसके सभी नियम और शर्तों को देख लें. ब्याज दरों पर मोल भाव कर सकते हैं. आगे मौजूदा बैंक से सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स को जमा करें और इसके बाद आपके लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.