अगर आपके पास किसी बैंक का क्रेडिट कार्ड है या लेने के बारे में विचार बना रहे हैं तो आपको क्रेडिट कार्ड से जुड़ी कुछ बातें जान लेनी चाहिए। यह बातें आपके क्रेडिट कार्ड के एक्सपीरियंस को आसान बना सकती है। इससे पहले कि हम आपको इन बातों के बारे में बताएं, एक मोटी-मोटी नजर इस बात पर डाल लेते हैं कि आखिर क्रेडिट कार्ड काम कैसे करता है। जब आप किसी बैंक का क्रेडिट कार्ड लेते हैं तो बैंक उस क्रेडिट कार्ड में आपको एक लिमिट देता है। उस लिमिट के तहत ही आप पैसा खर्च कर सकते हैं। उसके बाद खर्च किए गए पैसे का एक बिल बैंक आपको देता है और फिर एक निर्धारित समय में वो बिल आपको भरना होता है। यह दिखने में एक बहुत सिंपल सा फार्मूला है। आप पैसा खर्च करेंगे, बैंक आपको बिल भेजेगा और फिर आप उस बिल को भरेंगे। लेकिन, कई बार आम नागरिक इस सिंपल से दिखने वाले फॉर्मूले में फंस जाते हैं।
होता यह है कि जब आप क्रेडिट कार्ड ले लेते हैं तो आपको लगता है कि आपके पास उतना पैसा मौजूद है, जितना पैसा क्रेडिट कार्ड की लिमिट में है। लेकिन, हकीकत यह है कि वह आपका पैसा नहीं होता। वह पैसा बैंक का ही होता है, जो एक तरीके से आपके पास फ्री अप्रूव्ड लोन की तरह होता है, जिसे आप जब चाहें इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन, अंत में तो उस पैसे को बैंक को ही लौटाना होता है। क्रेडिट कार्ड से पैदा होने वाली परेशानी की शुरुआत यहीं से होती है, जब आप उस पैसे को अपना मानना शुरू कर देते हैं और उसे खर्च करने लगते हैं।
क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल आप कभी भी कर सकते हैं। लेकिन, जब भी क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करें तो यह सुनिश्चित कर लें कि जितना पैसा आप क्रेडिट कार्ड से खर्च कर रहे हैं, उतना पैसा आपके पास रिजर्व में हो ताकि बिल भरने के समय कोई परेशानी न हो। क्योंकि, क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर न भरने पर बैंक आपसे पैनल्टी लेता है। इसके साथ ही, बैंक आप पर ब्याज लगाता है। क्रेडिट कार्ड पर लगने वाला ब्याज किसी भी अन्य लोग पर लगने वाले ब्याज के बहुत ज्यादा होता है। यह 30 फीसदी सालाना से भी ज्यादा हो सकता है।