आज के महंगाई के समय में बहुत ही कम देखा जाता है कि किसी पर्सन ने लोन ना लिया हो। हमें अपनी जरूरत के हिसाब से कोई ना कोई लोन लेना ही पड़ता है। लोन तो आसानी से मिल जाता है, पर जब उसकी ईएमआई भरने की बात आती है तो मामला कहीं ना कहीं फंस जाता है। अगर आपने भी बड़ा लोन लिया है और ईएमआई के बोझ से दब रहे हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। इस खबर को पढ़ने के बाद आपकी समस्या काफी हद तक कम हो सकती है। दरअसल आरबीआई एक ऐसा नियम लेकर आया है जो आपको इस बोझ से आगे निकालेगा।
आरबीआई लोन में फंसे ग्राहकों के लिए रीस्ट्रक्चर पॉलिसी को लेकर आई है। इससे काफी हद तक आपकी समस्या का निदान हो सकता है। हालांकि ये पॉलिसी बहुत पहले आ चुकी है, पर अभी भी काफी लोगों को इसके बारे में नहीं पता है। जब नियम के बारे में नहीं पता होगा तो फिर उसका फायदा नहीं उठाया जा सकता है।
इस पॉलिसी के बारे में आपको एक उदाहरण देते हुए समझाते हैं। मान लीजिए आपने 5 लाख का लोन लिया हुआ है। और अभी आप एक दो ईएमआई देने के बाद फंस गए हैं तो इस पॉलिसी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें आप अपने लोन को दो भागों में डिवाइड कर सकते हैं. पहला 2.5 लाख का और दूसरा 2.5 लाख का. पहले वाले भाग को तो आप अभी के नियम के जैसे भुगतान कर सकते हैं। वहीं दूसरे पार्ट के लिए रीस्ट्रक्चर करा सकते हैं. यानी कि उसके लिए एक बार फिर से ईएमआई और टाइम पीरियड में बदलाव कर सकते हैं।
इससे आपका बोझ तो कम होगा ही साथ में डिफॉल्टर होने से भी आप बच जाएंगे। डिफॉल्टर की स्थिति में कई समस्याओं से आप घिर जाते हैं। क्रेडिट स्कोर तो डाउन होता ही है साथ में बैंक ब्लेकलिस्ट भी कर देता है। इसलिए कोशिश यही करनी चाहिए कि अपना लिया हुआ लोन बिन किसी डिफॉल्ट के भुगतान हो जाए।