नई दिल्ली। वित्तीय आजादी यानी Financial Independence का मतलब ऐसी स्थिति है जहां किसी व्यक्ति का पर्सनल फाइनेंस रोजगार से होने वाली आय पर निर्भर नहीं रह जाता है। वित्तीय आजादी का मतलब अमीर होने से नहीं है; इसका सीधा-सीधा एक ही मतलब होता है कि आपके पास वर्तमान और भविष्य के खर्चों को कवर करने के लिए पर्याप्त धनराशि है। वित्तीय आजादी के कुछ अहम पहलू होते हैं। वे क्या होते हैं? आइए पता लगाते हैं।
वित्तीय आजादी का लक्ष्य हासिल करने के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपके पास पर्याप्त इंश्योरेंस कवर हो। इसका मतलब केवल हेल्थ इंश्योरेंस एवं लाइफ इंश्योरेंस से नहीं है बल्कि घर एवं सामान का भी आग, चोरी या अन्य जोखिम को कवर करने वाला इंश्योरेंस हो। हालांकि, ऐसा करते समय यह लग सकता है कि आपको प्रीमियम पर काफी अधिक खर्चा करना पड़ रहा है लेकिन यह भविष्य में होने वाले किसी भी तरह के फाइनेंशियल लॉस से प्रोटेक्शन देता है। और अगर कुछ होता भी है तो इंश्योरेंस होने से यह सुनिश्चित होता है कि आपके पास जीवन को दोबारा शुरू करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध है। इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग के इस अहम पहलू को नजरंदाज मत कीजिए और इस बात को सुनिश्चित कीजिए कि आपके पास पर्याप्त रूप से बीमा कवर हो और वित्तीय आजादी हासिल करने का मौका खुद को दीजिए।
जब भी आपके जीवन में कोई आपात स्थिति आती है – नौकरी चले जाना, मेडिकल इमरजेंसी या फिर प्राकृतिक आपदा- इमरजेंसी फंड से इन खर्चों को कवर करने में मदद मिलती है। आप इस तरह के इवेंट्स के लिए ये फंड अलग करके रखते हैं और आपकी जरूरत की स्थिति में यह एक्सेसेबल होना चाहिए। इमरजेंसी फंड का आकार हर व्यक्ति की जरूरत पर निर्भर करता है लेकिन एक सामान्य नियम के मुताबिक यह आपके 6 से 8 महीने के खर्च के बराबर होना चाहिए।
इसके लिए एक सेविंग अकाउंट ओपन करवाइए और लिक्विड फंड में ऑटोमैटिक ट्रांसफर को सेटअप कीजिए। एक बजट बनाइए और हर महीने एक रकम इस मद में अलग कर दीजिए। अगर आपके पास पहले से कुछ रकम है तो उस पैसे का इस्तेमाल इमरजेंसी फंड बनाने की शुरुआत के लिए कीजिए। इन कदमों को उठाने के साथ आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपके पास किसी भी आपात स्थिति के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं।
यह एक ऐसी चीज है जिसमें कभी देरी नहीं करनी चाहिए। जल्दी शुरुआत के जरिए आप कम्पाउंडिंग का फायदा उठा सकते हैं और इस बात को सुनिश्चित कीजिए कि आपके पास रिटायरमेंट के बाद आपके लाइफस्टाइल को मेंटेन करने के लिए पर्याप्त रकम हो। रिटायरमेंट की प्लानिंग करने के लिए आपको कई पहलुओं को ध्यान में रखने की जरूरत होती है। इस चीज के लिए आपको यह प्लान करना होता है कि आप कब रिटायर होंगे, आपको कितनी रकम की जरूरत होगी और आपको यह रकम कहां से हासिल होगी।
अगर आपके पास कोई अच्छा पेंशन प्लान या इनकम का स्रोत है तो आप जल्दी रिटायर होना चाहेंगे। अगर आपके पास कोई पेंशन प्लान नहीं है तो आपको और पैसे जोड़ने की जरूरत होगी। इन सब चीज के बीच जल्दी शुरुआत करना अहम है क्योंकि इससे अपने रिटायरमेंट का अधिकतम समय एन्जॉय कर पाएंगे।
एस्टेट प्लानिंग एक महत्वपूर्ण प्रोसेस है। वसीयतनामा एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें इस बात का जिक्र होता है कि आपकी मृत्यु होने पर आपकी प्रोपर्टी और वस्तुओं का वितरण किस प्रकार होगा। एक वसीयत तैयार करने से आपको एक तरह की निश्चिंतता हासिल हो जाती है। हालांकि, वित्तीय आजादी पाने के कई रास्ते हो सकते हैं लेकिन मूल बात ये है कि बुनियाद मजबूत होनी चाहिए।