आगरा में अंजलि बजाज हत्याकांड के आरोपी प्रखर की नजर कारोबारी की संपत्ति पर थी। इकलौती बेटी को प्यार के जाल में फंसाने के बाद उसे अपने इश्क में अंधा कर दिया था। मोबाइल पर चैटिंग और वीडियो काॅल के बिना दोनों रह नहीं पाते थे।
हत्या साजिश 20 दिन पहले रची गई। एक तरफ वारदात को अंजाम देना था, दूसरी तरफ बचने की भी प्लानिंग की थी। बेटी ने मां को बुलाने के लिए एक घंटे 36 मिनट में 47 काॅल किए, जबकि प्रखर दोस्त संग 30 मिनट में पूरी वारदात को अंजाम देकर भाग निकला। प्रखर ने पुलिस से बचने के तरीके क्राइम सीरियल और वेबसीरीज देखकर सीखे थे।
20 दिन पहले कारोबारी की बेटी ने प्रखर से कहा, मां मिलने नहीं देंगी, उसे जेल भिजवा देंगी। वो रिश्ता तोड़ने का दबाव बना रहीं हैं।
प्रखर ने अंजलि को रास्ते से हटाने की साजिश। उसकी बेटी को भी तैयार कर लिया। वह अपने गांव से साथी को बुला लाया
सात जून को दोपहर 12.30 बजे साजिश के तहत कारोबारी की बेटी घर से निकल आई। उसने मां को काॅल करके कहा कि दोस्त के साथ जा रही है, आखिरी बार उससे मिलना है तो आ जाओ।
प्रखर कारोबारी की बेटी को इंस्टाग्राम पर कॉल करके निर्देश देता था, तब वह अंजलि को कॉल करके बोलती थी। पहले उनसे कहा कि चाचा को साथ लेकर आएंगी तो नहीं मिलेगी। अंजलि से वाट्सएप पर उनकी लाइव लोकेशन भी मंगवा ली, जिसे वह देखता जा रहा था।
अंजलि जैसे ही जंगल में पहुंची, प्रखर ने दोस्त को इशारा कर दिया। प्रखर ने उन्हें पीछे से पकड़ लिया और दोस्त ने पेट में चाकू से वार किए। वह गिर पड़ीं। गिरने के बाद प्रखर ने गले पर चाकू से वार किए।
अंजलि का शव मिलने के बाद पुलिस को पहले दिन ही बेटी के हावभाव से शक हो गया था। काॅल डिटेल से शक और पुख्ता हो गया।
बेटी ने वारदात वाले दिन दोपहर को 2:20 बजे अंजलि को पहली काॅल की थी। अंतिम काॅल 3.56 बजे थी। इसके बाद अंजलि का मोबाइल स्विच ऑफ हो गया था।