मेरठ। जिले में दोबारा आई आंधी ने एक बार फिर बागवानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है, इसकी वजह से आम की फसल को लगभग 20 फीसद नुकसान हुआ है। शाहजहांपुर मंडी में अचानक कच्चे आम के ढेर लग गए, इससे आम महज 8 रुपये किलो बिक रहा है।
दर्जनों गांवों में बड़े पैमाने पर होती है आम की फसल
समय से पहले फसल खराब होने से बागवानो के लिए तो आर्थिक संकट है ही फल पट्टी की शान कहे जाने वाले किठौर-शाहजहांपुर में आम के बागों के अस्तित्व पर भी बड़ा खतरा मंडराता दिख रहा है। आमतौर पर शाहजहांपुर, किठौर, फतेहपुर, नानपुर, राधना सहित आसपास के दर्जनों गांवों में आम की बड़े पैमाने पर बागवानी की जाती है। इस वर्ष पहले ही मौसमी मार से लगभग 60 फीसदी फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी थी। शुक्रवार को आई आंधी से 20 फीसदी का और नुकसान कर दिया।
इस साल 80 प्रतिशत फसल बर्बाद होने की आशंका
आम उत्पादकों शकील, मामचंद व आरिफ आदि की मानें तो लगभग 80 फीसद आम की फसल इस वर्ष बर्बाद हो चुकी है। बताया गया कि आम के पेड़ों पर इस बार बहुत अच्छा और भारी मात्रा में बौर आया, लेकिन दिन में गर्मी और रात में सर्दी पढ़ने के कारण बौर गिरने और केरी बनने तक करीब 70 प्रतिशत नुकसान हो गया। आंधी से भी आम की फसल को नुकसान पहुंचा है।
किठौर-शाहजहांपुर है फलपट्टी क्षेत्र
किठौर-शाहजहांपुर फलपट्टी क्षेत्र होने के चलते यहां आम का उत्पादन और नर्सरी की खेती की जाती है। करीब 95 प्रतिशत किसान इन दोनों पर निर्भर हैं। हनीफ का कहना है कि जो व्यापारी आम की फसल को खरीदते हैं वह अधिक पैदावार के लिए पेड़ो को खाद के साथ ही कीटनाशक का प्रयोग करने लगे है। क्लटार कीटनाशक से पेड़ों पर फल तो अधिक आता है लेकिन पेड़ की फल देने की क्षमता पर कुप्रभाव पड़ता है।