मेरठ. मेरठ में भ्रष्‍टाचार के आरोपों में घिरीं महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल के पति अरुण निगम की भूमिका पर भी जांच बैठ गई है। दरअसल, निलंबन के बाद महिला थाना प्रभारी के खिलाफ अन्य शिकायतें भी आने लगी हैं। ऐसे में महिला थाना प्रभारी की कार्यप्रणाली पर जांच बैठा दी गई है। पुराने सभी मुकदमों की समीक्षा की जा रही है। थाने स्तर से दर्ज हुए मुकदमों में भी थाना प्रभारी की भूमिका देखी जा रही है। उससे भी अहम बात है कि थाना प्रभारी मानिका जिंदल के पति अरुण निगम भी जनपद की एसटीफ विंग में बतौर दारोगा पद पर तैनात है। पत्नी के इस सहयोग करने में पति की भूमिका भी देखी जा रही है।

सस्पेंड होने के बाद सिफारिश लगाने लगे महिला थाना प्रभारी
एसपी सिटी से लेकर एसपी क्राइम और जांच अधिकारी एसपी देहात से पहले महिला थाना प्रभारी ने खुद बचाव की गुहार लगाई थी। सस्पेंड होने के बाद अन्य लोगों से सिफारिश लगवानी शुरू कर दी है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मुदकमे में पूरी तरह से निष्पक्ष विवेचना होगी। साथ ही विभागीय कार्रवाई भी कानूनी दायरे में की जाएगी।

गृह जनपद में नौकरी की होगी जांच
थाना प्रभारी मोनिका जिंदल को मूल रूप से मेरठ की रहने वाली बताया जा रहा है। ऐसे में उसकी भी जांच के आदेश दिए जा चुके है। देखा जा रहा है कि मोनिका जिंदल अपने गृह जनपद में किस आधार पर नौकरी कर रही थी। पुलिस रिकार्ड में उन्होंने मेरठ का पता नहीं दिया है। यही देखा जा रहा है कि उन्होंने भारी पता किस आधार पर दिया है।

महिला थाना प्रभारी और दारोगा के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना पूरी तरह से निष्पक्ष की जाएगी। इसकी मानीटरिंग भी शीर्ष अफसरों से कराई जा रही है। थाना छोड़कर चले जाने की रिपोर्ट पर भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी।