मेरठ। एंटी करप्शन मेरठ यूनिट की टीम ने बुधवार को मवाना तहसील के लेखपाल मुकम्मिल व उसके साथी गौरव सिंह उर्फ गोल्डी को किसान से 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। आरोपी दो किसानों से जमीन की पैमाइश के लिए 50-50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। एंटी करप्शन टीम ने दोनों को मवाना पुलिस के हवाले कर दिया। टीम लीडर इंस्पेक्टर अर्चना की ओर से दोनों के खिलाफ मवाना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
एंटी करप्शन मेरठ यूनिट के प्रभारी निरीक्षक दुर्गेश कुमार सिंह के अनुसार मवाना तहसील के गांव जलालपुर जोरा निवासी किसान मनोज और वीरपाल ने शिकायत दर्ज कराई थी। बताया था कि उनके पास 10-10 बीघा जमीन है। कुछ लोगों ने लेखपाल मुकम्मिल से मिलकर उनकी जमीन में डोलबंदी करा दी थी, जिससे उन दोनों की जमीन कम हो गई थी। लेखपाल उनके खेतों पर जाकर कुछ लोगों के कहने से पैमाइश की गई जमीन को खाली करने के लिए धमकी देता था।
दोनों किसानों ने परेशान होकर लेखपाल मुकम्मिल से बात की तो वह दोनों के पक्ष में जमीन की पैमाइश करने के लिए 50-50 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था। जब कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई तो दोनों किसानों ने एंटी करप्शन में शिकायत की थी।
बुधवार दोपहर करीब 12 बजे किसान वीरपाल एंटी करप्शन की टीम के साथ तहसील पहुंचा। 10 हजार रुपये लेकर किसान ने लेखपाल से बातचीत की। लेखपाल ने उसे तहसील में ही चकबंदी आफिस में बुलाया। लेखपाल मुकम्मिल निवासी बजहेडा तहसील धौलाना, हापुड़ किसान वीरपाल को चकबंदी आफिस में बैठा मिला। लेखपाल ने अपने सहायक गौरव सिंह उर्फ गोल्डी निवासी बढला किला परीक्षितगढ़ से रुपये लेने को कहा।
लेखपाल के कहने पर गौरव सिंह किसान को टायलेट में लेकर गया। वहां किसान वीरपाल ने गौरव सिंह को दस हजार रुपये दिए। गौरव ने दस हजार रुपये लाकर लेखपाल को दिए। तुरंत ही एंटी करप्शन टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। लेखपाल के पास से दस हजार रुपये बरामद हुए। दोनों को टीम मवाना थाने ले गई। पूछताछ के बाद दोनों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई।
पकड़े जाने के दौरान लेखपाल मुकम्मिल व उसके साथी गौरव ने जमकर विरोध किया तथा गाड़ी में बैठने के लिए तैयार नहीं थे। टीम के सदस्य बामुश्किल दोनों को गाड़ी में बैठाकर थाने लेकर गए।
लेखपाल मुकम्मिल चकबंदी विभाग का है, मगर उसे राजस्व निरीक्षण का भी चार्ज दे रखा था। उसने अपने कार्यालय में ही गौरव सिंह उर्फ गोल्डी को 12 हजार रुपये प्रति माह में निजी सहायक के रूप में रख रखा था। मवाना तहसील में रिश्वत लेते हुए पकड़े गए लेखपाल को एसडीएम मवाना ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।