मेरठ। मेरठ में सस्पेंड महिला थाना प्रभारी और दारोगा के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई। जांच अधिकारी एसपी यातायात को बनाया गया है। उन्होंने दोनों आरोपितों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया है। साथ ही मुकदमें में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा बढ़ाने के बाद विवेचना को सिविल लाइन से स्थानांतरण कर सीओ को भेज दिया है। साथ ही इसका सुपरविजन करने के लिए एसपी सिटी को लगाया गया है।

जबरन वसूली का केस
आठ मई की रात महिला थाना प्रभारी मोनिका जिंदल और दारोगा रितू काजला के खिलाफ सिविल लाइन थाने में जबरन वसूली का मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोप है कि छुर के रहने वाले सेना के जवान का दुष्कर्म के मुकदमे में नाम निकालने के लिए 50 हजार की रकम मांगी थी। जवान की पत्नी ने 40 हजार की रकम दारोगा रितू काजला और थाना प्रभारी मोनिका जिंदल को दे दी गई है। एसपी देहात केशव कुमार ने बताया कि आडियो और वीडियो महिला थाना प्रभारी और दारोगा की रकम वसूली की पुष्टी हो गई है।

एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि मुकदमे में भ्रष्टाचार निवारण की धाराएं बढ़ा दी गई है। साथ ही सिविल लाइन से विवेचना को सीओ सिविल लाइन के यहां स्थानांतरण कर दिया है। ताकि विवेचना पूरी तरह से निष्पक्ष की जा सकें। एसपी यातायात को विभागीय जांच शुरू करने के निर्देश दिए है। एसपी देहात ने दोनों आरोपितों को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भेज दिया है। साथ ही दोनों आरोपितों का कोर्ट से वारंट लेने के लिए अर्जी भी तैयार की जा रही है। हालांकि दारोगा की तरफ से अग्रिम जमानत को कोर्ट में अर्जी लगाई गई है।