सहारनपुर। राधा विहार स्थित श्री औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास अति प्राचीन है। यहां स्थापित सवा पांच फीट ऊंचा स्वयंभू शिवलिंग भूतल से नौ फीट नीचे स्थापित है। महाशविरात्रि पर यहां भारी भीड़ लगती है। इसके साथ ही भोले बाबा का 11 हजार दीपक, हजारों रुद्राक्ष और बेल पत्रों से भव्य शृंगार होगा। इसके साथ ही रोजाना सुबह और शाम भोग लगता है। 41 दिन नियमित मंदिर आने वाले भक्त की हर मुराद पूरी होती है।
औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास अति प्राचीन है। मंदिर के अधिष्ठाता स्वामी कालेंद्रानंद महाराज बताते हैं कि यहां खेत हुआ करते थे।

जिस स्थल पर मंदिर स्थापित है। उस जगह आकर अक्सर खेती करते समय खेत मालिक का ट्रैक्टर रुक जाता था। तब, यहां स्वयं शिवलिंग प्रकट हुआ था। इसके बाद यहां मंदिर बनाया गया। वर्तमान में भी मंदिर निर्माणाधीन है। एक मार्च को महाशिवरात्रि पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां जलाभिषेक करने पहुंचेंगे। इसके साथ ही चार पहर की पूजा के साथ दीपों, रुद्राक्ष, बेल पत्रों, भभूत व रुद्रीपाठ के साथ अलग-अलग समय में महारुद्राभिषेक किया जाता है। दीपों और रुद्राक्ष शृंगार सभी को आकर्षित करता है। वहीं, श्रावण मास रोजाना अलग-अलग स्वरूप में भगवान शंकर का महारुद्राभिषेक होता है।

श्री औघड़दानी नर्मदेश्वर महादेव मंदिर में 31 साल से नियमित महामृत्युंजय मंत्र के संजीवनी जाप के साथ यज्ञ चल रहा है। आए दिन यज्ञ में बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं। इनके अतिरिक्त अधिष्ठाता स्वामी कालेंद्रानंद महाराज निरंतर यज्ञ करते हैं।

महाशिवरात्रि पर मंदिर में भव्य कार्यक्रम आयोजित होंगे। इसको लेकर मंदिरों तैयारियां हो गई हैं। मंदिरों को रंग-बिरंगी लाइटों और फूलों से सजाया गया । बड़ी संख्या में लोग जलाभिषेक करने पहुंचें। चार पहर औघड़दानी नर्मदेश्वर बाबा का शृंगार होगा।