मुरादाबाद। मुरादाबाद के सीएमओ के फर्जी हस्ताक्षर कर एक दलाल ने 10वीं व 12वीं पास लोगों को चार हजार रुपये लेकर डॉक्टर बना दिया। तमाम झोलाछापों को नकली बीएनवाईएस प्रमाणपत्र बेच दिया था। इस प्रमाणपत्र के जरिये झोलाछाप बेखौफ होकर क्लीनिक चला रहे हैं।
जो दलाल यह प्रमाणपत्र उपलब्ध करा रहे हैं, उनका कुछ साल पहले तक सीएमओ कार्यालय से सीधा संपर्क रहा है। वह झोलाछापों को भरोसा दिलाते हैं कि कि यह प्रमाणपत्र सीएमओ कार्यालय से जारी किया गया है। कुछ समय पहले डिप्टी सीएमओ डॉ. संजीव बेलवाल ने एक छोलाछाप के क्लीनिक पर छापा मारा तो यह बात खुली।
सम्राट अशोक नगर में डॉ. आरके सिंह के नाम से झोलाछाप राकेश कुमार क्लीनिक का संचालन करता मिला। उसकी शैक्षिक योग्यता 12वीं पास थी, जबकि क्लीनिक पर भारी मात्रा में अंग्रेजी दवाएं, इंजेक्शन, आईवी फ्लूड आदि मिले। झोलाछाप ने बीएनवाईएस का प्रमाणपत्र भी दिखाया। इस पर जनवरी 2022 की तारीख पड़ी थी और सीएमओ के हस्ताक्षर भी थे।
झोलाछाप ने बताया कि उसे इरशाद नाम के व्यक्ति ने यह प्रमाणपत्र चार हजार रुपये में दिया है। डिप्टी सीएमओ ने क्लीनिक को सील कर दिया। इसके बाद विभाग ने कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस को सूचना दी है। पड़ताल की जा रही है कि कितने लोगों को सीएमओ के फर्जी हस्ताक्षर वाला प्रमाणपत्र बेचा गया है।
जिले में 100 से ज्यादा झोलाछापों को आरोपी इरशाद सीएमओ कार्यालय का फर्जी रजिस्ट्रेशन दे चुका है। स्वास्थ्य विभाग डेढ़ साल पहले भी इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा चुका है। अब एक बार फिर डिप्टी सीएमओ ने आरोपी के खिलाफ मझोला थाने में तहरीर दी है।
वहीं सीएमओ व क्षेत्रीय आयुर्वेद एवं यूनानी अधिकारी की कार्रवाई में कई बीएनवाईएस डिग्री धारकों के क्लीनिक एलोपैथ व आयुर्वेद में अभ्यास करने के कारण बंद कराए गए हैं।
बीएनवाईएस का पूरा नाम बैचलर इन नेचुरोपैथी एंड योगिक साइंसेज है। देश में कई कॉलेज इसकी पढ़ाई करा रहे हैं। 2013-14 में भारत सरकार की एक कमेटी ने इस पैथी को मान्यता दी थी, लेकिन इनके रजिस्ट्रेशन के लिए राज्यों में कोई व्यवस्था नहीं है।
अखिल भारतीय स्तर पर इनकी कोई अधिकृत काउंसिल भी नहीं है। डिप्टी सीएमओ डॉ. संजीव बेलवाल का कहना है कि बीएनवाईएस को किसी मेडिकल काउंसिल से मान्यता प्राप्त नहीं है। यह केवल प्राकृतिक संसाधनों व योग के जरिये चिकित्सा कर सकते हैं।
फर्जी बीएनवाईएस प्रमाणपत्र बेचने वालों के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी गई है। कूटरचित अभिलेख तैयार करने, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट तैयार करने, मरीजों को हैवी एंटीबायोटिक देने के मामले में झोलाछाप के खिलाफ भी तहरीर दी गई है। ऐसे सभी क्लीनिक सील किए जा रहे हैं। – डॉ. संजीव बेलवाल, डिप्टी सीएमओ