गोरखपुर। गोरखपुर जिले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सकों की आपसी तनातनी का खामियाजा रोगियों को भुगतना पड़ा। अस्पताल में भर्ती दो गर्भवती महिलाएं बेड पर तड़पती रहीं लेकिन ऑपरेशन नहीं हो सका। स्थिति देख स्वजन ने हंगामा भी किया फिर हार मानकर पीड़ितों को लेकर निजी अस्पताल चले गए। उधर अधीक्षक और महिला चिकित्सक ने एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
मामला सहजनवां सीएचसी का है। शुक्रवार को यहां एक महिला चिकित्सक मौजूद थीं। पांच गर्भवती महिलाओं को प्रसव हेतु ऑपरेशन के लिए लाया गया। पटखौली निवासी रजनी पत्नी विनोद कुमार तथा मईला की सपना पत्नी सूरज को ओटी में लिटाकर महिला चिकित्सक ने ड्रीप चढ़ाना शुरू कर दिया। एनेस्थीसिया के चिकित्सक व अधीक्षक को ओटी में बुलाया गया लेकिन वह किसी कार्य में व्यस्त रहे और दो घंटे तक ओटी में नहीं पहुंचे। महिला चिकित्सक ने फोन भी किया। इसी बात को लेकर दोनों चिकित्सकों में तकरार हो गई।
देर होते देख महिला चिकित्सक रोगियों को बेड पर छोड़कर चली गईं। दो बजे ओटी के पास पहुंचे अधीक्षक ने महिला चिकित्सक नहीं होने पर हाथ खड़े कर दिए। मरीजों को बेड पर तड़पते देख स्वजन नाराज होकर हंगामा करने लगे। वे अधीक्षक के कमरे में गए। एक घंटे की जिद्दोजहद के बाद ऑपरेशन नहीं होने पर रोगियों को लेकर स्वजन निजी अस्पताल चले गए।
महिला चिकित्सक डॉ. दीपा अग्रवाल ने कहा कि अधीक्षक एनेस्थीसिया के चिकित्सक हैं लेकिन ऑपरेशन में सहयोग नहीं करते हैं। अधीक्षक डॉ. व्यास कुशवाहा ने कहा कि महिला चिकित्सक को ओपीडी करने के बाद ऑपरेशन के लिए कहा गया लेकिन वह पहले ही चली गईं। अनुपस्थित कर सूचना सीएमओ को दी गई है।
सीएमओ डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि मामला संज्ञान में है। अधीक्षक एनेस्थेटिस्ट भी हैं। वह इमरजेंसी ड्यूटी कर रहे थे। वहां संविदा के दो स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञों की तैनाती है। दोनों समय से पहले चली जाती हैं। शुक्रवार को भी दोनों 1.30 बजे तक चली गई थीं। उन्हें अनुपस्थित करते हुए एक दिन का वेतन रोक दिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।