अलीगढ़। जिस मां ने बेटे को नौ माह तक अपने गर्भ में रखा और जन्म के समय असहनीय दर्द बर्दाश्त किया, उसी कलयुगी पुत्र ने अपनी मां को खैर थाना परिसर में आग लगा दी। मां चिल्लाती रही और आग की लपटें बढ़ती गईं। पुलिसकर्मियों ने कंबल आदि से आग को बुझाने का भरपूर प्रयास किया। महिला को नजदीकी अस्पताल लेकर जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसकी गंभीर हालत देखकर अलीगढ़ रेफर कर दिया। वहीं पुलिस ने बेटे को हिरासत में ले लिया है।
एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि हेमलता का अपने पति के मामा यानी परिजनों से कब्जे और जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। मामले को लेकर एक एफआईआर लिखवाई गई और उसमें चार्जशीट लग गई चुकी है। इसमें आज दोनों पक्षों को इसलिए बुलवाया गया था कि इन्हें मकान चाहिए तो किसी और जगह बनवा दो। इनमें पैसों को लेकर बात चल रही थी, पर यह पैसे को लेकर किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाए। महिला वहां से बाहर गई, उसके बेटे ने लाइटर से आग लगा दी।
आग लगाने का पूरा वीडियो थाने के सीसीटीवी कैमरे में है, वीडियो फुटेज को महिला के परिवार वालों को दिखा दिया गया है। जब तक पुलिस वाले बेटे को रोक पाते, तब तक उसने मां को आग लगा दी। आग बुझाने की पुलिसकर्मियों ने भरपूर कोशिश की, जिसमें पुलिसकर्मी के हाथ भी जले हैं। महिला को अस्पताल ले जाया गया है, जहां महिला की हालत सही है, डॉक्टर ने बताया है कि महिला लगभग 40 फीसदी जली है।
पीड़िता के परिवारीजन अगर किसी पर आरोप लगाते हुए शिकायत देते हैं, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। महिला एक-दो बार पहले भी मामले को लेकर थाने आ चुकी है, पुलिस ने जाकर मौके पर जांच भी की। इनमें केवल कब्जे को लेकर विवाद है। मामले की सीनियर अधिकारी जांच करेगा, अगर परिवारीजन मामले में कोई एफआईआर करेंगे तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
सीओ खैर ने बताया कि 16 जुलाई को दो पक्षों के मध्य पारिवारिक विवाद का निस्तारण कराया जा रहा था। इसी दौरान विवाद बढ़ने पर पुत्र ने मां पर हमला कर दिया और आग लगा दी। वहां मौजूद सभी लोग हैरान रह गए। इस बीच पुलिसकर्मियों ने आग बुझाकर उसे अस्पातल में भर्ती कराया। हमलवार पुत्र से पूछताछ की जा रही है। सूचना पर तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मौका मुआयना किया गया। महिला ने अपने रिश्तेदारों के विरुद्ध छेड़छाड़ व मारपीट का अभियोग पंजीकृत कराया था, जिसमें विवेचनात्मक कार्यवाही प्रचलित है। अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।