मेरठ. इस बार मार्च में ही सूर्यदेव के तेवर तल्ख हो गए हैं। गर्मी ने मार्च में 44 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 30 मार्च 2022 को सबसे अधिक 38.6 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड किया गया। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो जून में पारा 45 डिग्री को भी पार कर सकता है।
अप्रैल में ही पारा 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। मौसम में यह बदलाव हवाओं का रुख गरम होने की वजह से बताया जा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार उत्तर पश्चिम, मध्य और पश्चिमी भारत में अगले 4-5 दिन लू का प्रकोप रहेगा। गुरुवार को अधिकतम तापमान 37.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक था। न्यूनतम तापमान 16 डिग्री दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम है। मेरठ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 315 पर पहुंच गया है। लगातार मेरठ का एक्यूआई बढ़ता जा रहा है।
किसान हो रहे परेशान
समय से पहले लू चलने से किसान परेशान हो गए हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इसका सीधा असर गेहूं की फसल पर दिखाई देगा। इस बार जनवरी के अंतिम सप्ताह तक गेहूं की बुवाई की गई है। ऐसे में समय से पहले तेज गर्मी फसल को प्रभावित कर देगी। कृषि विवि के मौसम वैज्ञानिक डॉ. यूपी शाही का मानना है कि समय से पहले गर्मी पड़ने से गेहूं का दाना सूखने से उत्पादन प्रभावित होगा।
आने वाले दिनों में और बढ़ेगी गर्मी
भारतीय कृषि प्रणाली अनुसंधान के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एन सुभाष के मुताबिक अप्रैल के पहले सप्ताह में ही अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा, जबकि न्यूनतम तापमान भी 20 डिग्री तक पहुंचेगा। आने वाले दिनों में पारा बढ़ने से गर्मी अधिक होगी। गरम हवाएं चलने से अप्रैल में ही लू का अहसास होगा। मार्च भी पिछले करीब 44 साल में सबसे ज्यादा गर्म रही है।