मेरठ। पंचायतों की जमीन प्राइवेट संस्थाओं को लीज पर दी जाएंगी। शासन ने जिला पंचायत एवं ग्राम पंचायतों की जमीन के प्रबंधन के लिए 11 कंपनियों का चयन कर लिया गया है। पंचायतों की जमीन को व्यावसायिक उपयोग में लाने के लिए सरकार ने 11 कंपनियों को लेनदेन सलाहकार का नाम दिया है।

ये लेनदेन सलाहकार जमीन के  प्रबंधन का पूरा प्लान तैयार कर रिपोर्ट देंगे। शहरी क्षेत्र में जिला पंचायत की 20 बीघा जमीन नौचंदी में  हैं। मखदूमपर में भी 99 बीघा जमीन है। ग्राम और ब्लॉक स्तर के कार्यालयों में जमीन खाली हैं। इनमें व्यावसायिक गतिविधियों के साथ कार्यालयों को ज्वाइंट वेंचर के रुप में चलाया जा सकता है। 

दिल्ली रोड स्थित मेरठ ब्लॉक, जागृति विहार स्थित रजपुरा ब्लॉक शहर के दो मुख्य स्थानों पर ब्लॉक कार्यालय में भी जमीन खाली पड़ी है। 

इन कंपनियों का हुआ चयन
राइट्स लिमिटेड, सीबीआरई साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड, द बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप, प्राइस वाटर हाउस कूपर्स प्राइवेट लिमिटेड, जेएलएल प्रॉपर्टी कंसल्टेंटस प्राइवेट लिमिटेड, डिलॉइट टच इंडिया, केपीएमजी एडवाजरी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड, फीडबैक इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, एनॉरक प्रॉपर्टी कंसल्टेंस प्राइवेट लिमिटेड, कशमैन एवंड वेकफील्ड

बनाए गए हैं तीन मॉडल
लैंड लीज मॉडल : जमीन को लीज पर देने की व्यवस्था की जाएगी। 99 वर्ष तक की लीज पर जमीन दी जा सकेगी।
आम सहमति मॉडल : सरकारी विभागों के साथ प्राइवेट कंपनियों का आम सहमति मॉडल पर बात होगी। 
ज्वाइंट वेंचर : सरकारी गतिविधियों के साथ व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन भी एक साथ किया जा सकता है। जिससे कुछ जमीन सरकारी गतिविधि के लिए मिलती रहे। वहीं, अन्य में व्यावसायिक गतिविधि चलें। 

मिला है शासनादेश 
सरकार की ओर से शासनादेश प्राप्त हो गया है। अगर कोई कंपनियों द्वारा संपर्क किया जाता है तो हम अपनी जमीनों की जानकारी देंगे।  – एस.के गुप्ता, अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत

यह है अच्छी पहल 
ये अच्छा प्रयास है। अगर खाली पड़ी जमीनों पर व्यावसायिक गतिविधियों को शुरू किया जा रहा है। इससे रोजगार और उनका मॉडल अनुरूप सही उपयोग हो सकेगा। सरकार की यह  अच्छी पहल है।