जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत ‘इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस’ ने रूस को तुरंत यूक्रेन पर हमला बंद करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन में रूस के बल प्रयोग को लेकर वह बेहद चिंतित है. पीठासीन न्यायाधीश जोन डोनोग्यू ने कहा कि 24 फरवरी को शुरू किए गए मिलिट्री ऑपरेशन को रूस तुरंत खत्म करे. न्यायमूर्ति डोनोग्यू ने हेग में हुई सुनवाई में कहा, ‘अदालत रूसी संघ द्वारा बल प्रयोग के बारे में गहराई से चिंतित है, जो अंतरराष्ट्रीय कानून में बहुत गंभीर मुद्दों को उठाता है’.

ICJ में नामित होते रहे हैं जस्टिस भंडारी
बता दें कि 24 फरवरी को रूस द्वारा किए गए हमले के कुछ दिनों बाद यूक्रेन ने उसे संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अदालत में घसीटा था. गौर करने वाली बात ये है कि ICJ में भारत के न्यायाधीश दलवीर भंडारी ने भी रूस के खिलाफ अपना मतदान किया है. न्यायमूर्ति भंडारी को सरकार और विभिन्न मिशनों के समर्थन पर समय-समय पर आईसीजे में नामित किया जाता रहा है.

वोटिंग में शमिल होने से बचता रहा है भारत
भारत संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ वोटिंग से अब तक बचता रहा है, लेकिन न्यायमूर्ति भंडारी ने रूस के खिलाफ मतदान किया है. हालांकि रूस-यूक्रेन मुद्दे पर उनका ये स्वतंत्र कदम अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आधिकारिक स्थिति से अलग है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन-रूस मुद्दे पर मतदान से परहेज किया और इसके बजाय दोनों पक्षों से बातचीत पर ध्यान केंद्रित करने और शत्रुता समाप्त करने का आह्वान किया.

‘रूस को रोका जाना चाहिए’
यूक्रेन ने रूस पर यूक्रेन के डोनेट्स्क और लुगांस्क क्षेत्रों में नरसंहार का झूठा आरोप लगाकर अपने युद्ध को सही ठहराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था. कीव ने इसके बाद आईसीजे को अस्थायी उपाय करने के लिए कहा ताकि रूस को तुरंत सैन्य अभियानों को निलंबित करने का आदेश दिया जा सके. यूक्रेन के प्रतिनिधि एंटोन कोरिनेविच ने पिछले हफ्ते आईसीजे को बताया था कि रूस को रोका जाना चाहिए और इसे रोकने में अदालत की भूमिका बनती है.

रूस ने दिया था ये तर्क
रूस ने 7 और 8 मार्च की सुनवाई में शामिल होने से यह कहते हुए इनकार कर दिया था कि ICJ के पास अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि कीव का अनुरोध 1948 के नरसंहार सम्मेलन के दायरे से बाहर हो गया है, जिस पर यह उनका मामला आधारित था. मास्को ने यूक्रेन में अपने बल प्रयोग को यह कहते हुए उचित ठहराया कि वह आत्मरक्षा में काम कर रहा है. लेकिन ICJ ने फैसला सुनाया कि इस मामले में उसका अधिकार क्षेत्र है. जस्टिस डोनोग्यू ने कहा कि वर्तमान में ICJ के पास रूसी संघ के आरोपों की पुष्टि करने वाले सबूत नहीं हैं कि यूक्रेनी क्षेत्र पर नरसंहार किया गया है.