मॉस्को. क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हथियारों को यूक्रेन के उत्तर में बेलारूस की ओर ले जा रहे हैं। यूक्रेन युद्ध में पुतिन के सबसे करीबी सहयोग बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने घोषणा की थी कि रूसी परमाणु हथियार गुरुवार यानी 25 मई को आ रहे हैं। इस समझौते की पुष्टि करने वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू ने मिन्स्क में अपने बेलारूसी समकक्ष विक्टर ख्रेनिन के साथ मुलाकात की।
इस समझौते के तहत रूस 1991 के बाद पहली बार विदेशी धरती पर सामरिक परमाणु हथियार तैनात करेगा। क्रेमलिन सैन्य प्रमुख इन हथियारों के प्रभारी बने रहेंगे। लुकाशेंको ने मॉस्को में यूरेशियन इकोनॉमिक फोरम में कहा, ‘हमें भंडारण सुविधाएं और बाकी चीजें तैयार करनी थीं। हमने सब कुछ पूरा कर लिया है और यही कारण है कि परमाणु हथियारों का स्थानांतरण शुरू हुआ।’ यह पूछे जाने पर कि क्या परमाणु हथियार उनके देश में पहुंच चुके हैं? उन्होंने कहा, ‘हो सकता है। मुझे जाकर देखना होगा।’
रूस का मित्र देश बेलारूस यूक्रेन के साथ 1084 किमी लंबी सीमा साझा करता है। साथ ही यूक्रेन और बेलारूस तीन नाटो देशों के साथ सीमाएं साझा करते हैं। रूस के परमाणु हथियार बेलारूस से कई यूरोपीय शहरों तक पहुंचने में सक्षम हैं। रूसी राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने इस कदम का बचाव किया है और पश्चिमी शक्तियों पर यूक्रेन को उकसाने का आरोप लगाया। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलन ने इस समझौते की निंदा की है।
उन्होंने कहा, ‘यह यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस की तरफ से गैर-जिम्मेदाराना रवैये का एक नया उदाहरण है।’ मिलन ने कहा, ‘हमें ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है कि रूस परमाणु हथियार का इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है।’ पहले भी कई बार रूसी नेता परमाणु हथियारों का नाम लेकर विश्व युद्ध की धमकी दे चुके हैं। बेलारूस की सीमा पोलैंड और लिथुआनिया के साथ मिलती है जो नाटो के सदस्य हैं जिससे तनाव बढ़ने की आशंका है।