सोमवार और मंगलवार को आई आपदा में सबसे ज्यादा नैनीताल जिला प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ के हताहत होने की भी खबर है। सड़क बंद होने से कई जगह लोग फंस गए हैं। वहीं आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण भी करने वाले हैं।
सेना का हेलीकॉप्टर एनडीआरएफ के छह जवानों को लेकर ओखलकांडा के थलाड़ी के लिए रवाना हो चुका है। प्रशासन सहित 20 लोगों की टीम को भी हेलीकॉप्टर से भेजा जा रहा है।
नैनीताल के ओखलकांडा ब्लॉक के थलाड़ी में एक मकान में दबे छह लोगों की खोजबीन के लिए धारी एसडीएम योगेश सिंह के नेतृत्व में एनडीआरएफ की टीम राहत-बचाव अभियान चला रही है। एसडीएम ने बताया कि वह पंतनगर एयरपोर्ट से एनडीआरएफ की टीम के साथ हैलीकॉप्टर के सहारे धानाचूली के शशबनी में उतरेंगे। जहां से थलाड़ी पहुंचा जाएगा। एसडीएम ने बताया कि सड़क बंद और नेटवर्क न होने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
हल्द्वानी-भीमताल रोड, भवाली-रामनगर-धानाचूली रोड और नैनीताल-काठगोदाम रोड यातायात के लिए खुली है। वहीं नैनीताल-भवाली रोड, मोहन-बेतालघाट रोड, खुटानी-पदमपुरी-धानाचूली रोड, ज्योलीकोट-भवाली रोड और काठगोदाम-हैड़ाखान रोड अभी भी बंद है।
भारी बारिश के कारण मंगलवार को बाधित हुआ नैनीताल-कालाढूंगी मार्ग बुधवार को यातायात के लिए खोल दिया गया है। यहं जानकारी डीजीपी अशोक कुमार ने एएनआई न्यूज एंजेसी को दी है। वहीं मड हाउस के पास हल्द्वानी हाईवे भी यातायात के लिए खोल दिया गया है। हल्द्वानी-नैनीताल हाईवे दुपहिया वाहनों के लिये खुल गया है।
चारधाम यात्रा फिर से सुचारू हो गई है। मौसम सामान्य होते ही यात्रा ने रफ्तार पकड़ ली है। बुधवार से केदारनाथ धाम यात्रा भी शुरू हो गई है। हालांकि बदरीनाथ हाईवे बंद होने के कारण फिलहाल बदरीनाथ यात्रा शुरू नहीं हो सकी है। यमुनोत्री-गंगोत्री धाम यात्रा मंगलवार से शुरू हो चुकी है। बता दें कि खराब मौसम के चलते चारधाम यात्रा रोक दी गई थी।
बुधवार को राजधानी देहरादून सहित अधिकतर इलाकों में मौसम साफ बना हुआ है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ और दक्षिणी पूर्वी हवाओं का असर अब न के बराबर है। उत्तराखंड के मैदानी और पर्वतीय क्षेत्रों में इसका प्रभाव सिर्फ 48 घंटे के लिए ही था। बुधवार को अधिकतम तापमान 31 डिग्री रहेगा।
सोमवार और मंगलवार को उत्तराखंड में आई आपदा में 46 लोगों की मौत हुई है। वहीं 12 लोग घायल हैं और 11 लोग लापता हैं। इस आपदा में नौ घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नेचुरल डिजास्टर इंसीडेंट रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
आज बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित इलाकों को हवाई मुआयना करेंगे। इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री धामी ने हल्द्वानी स्थित काठगोदाम सर्किट हाउस में लोगों की समस्याएं सुनीं।
मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम रुद्रपुर क्षेत्र में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लिया था। उन्होंने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधावर की शाम उत्तराखंड पहुंचेंगे। वह यहां आपदा को लेकर समीक्षा बैठक करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे। गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को उत्तराखंड में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे।
वर्तमान में डोगरा बटालियन की एक टुकड़ी अल्मोड़ा-गरमपानी मार्ग में, एक टुकड़ी खैरना में और एक टुकड़ी कैंची धाम में राहत का कार्य कर रही है। वहीं नैनीताल के खैरना में मार्ग बंद होने से 500 लोग बुधवार सुबह से फंसे हुए हैं।
सेना द्वारा इन्हें खाने का सामान दिया गया है। खैरना में स्थित स्कूल में सेना के जवान फंसे हुए लोगों के लिए भोजन तैयार कर रहे हैं। साथ ही में पीड़ित लोगों की मेडिकल जांच भी की जा रही है।
सोमवार और मंगलवार को आई आपदा में सबसे ज्यादा नैनीताल जिला प्रभावित हुआ है। कई जगहों पर मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कुछ के हताहत होने की भी खबर है। स्थानीय प्रशासन, पुलिस, एसडीआरएफ को बचाव कार्य में लगाया गया है। हालांकि, रुकावटों के कारण कई स्थानों पर पहुंच संभव नहीं हो पा रही है।
उत्तराखंड के नैनीताल जिले में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन से कई सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। जिस वजह से यहां आम नागरिक फंस गए हैं। वहीं आपदा की इस घड़ी में रानीखेत की 14 डोगरा बटालियन देवदूत बनकर उभरी है। अकेले कुमाऊं में प्रलयंकारी बारिश ने सोमवार रात और मंगलवार को भारी तबाही मचाई है।
भूस्खलन, मकान ढहने, पानी में दौड़ते करंट आदि से कुमांऊ में 37 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कुछ लोगों के गायब होने की भी आशंका जताई जा रही है। नैनीताल में 27, अल्मोड़ा में नौ और चंपावत, पिथौरागढ़, बागेश्वर और ऊधमसिंह नगर में एक-एक व्यक्ति की आपदा में मौत हुई है। पूरे उत्तराखंड में आपदा से 42 लोगों की मौत हुई है। वहीं आज बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित इलाकों को हवाई मुआयना करेंगे।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम रुद्रपुर क्षेत्र में जलभराव से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने आपदा में जान गंवाने वालों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की घोषणा भी की। कहा कि आपदा में जिन लोगों के मकान टूटे हैं, पर्वतीय क्षेत्रों में उन्हें एक लाख नौ हजार और मैदानी क्षेत्रों में 95 हजार की मदद दी जाएगी। जिन लोगों के घरों में पानी घुसकर सामान बहा है, उन्हें पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। आपदा में कृषि को भी काफी नुकसान पहुंचा है, इसका आकलन किया जा रहा है।
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