सहारनपुर।   जमीयत उलमा-ए-हिंद के दोनों गुटों ने संभल में हिंसा के दौरान पुलिस फायरिंग में मुस्लिम युवकों की मौत और हिंसा पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने इस घटना के लिए शासन-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि पुलिस ने फिरकापस्त लोगों के साथ मिलकर साजिशन वारदात को अंजाम दिया है।

जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बिना मुस्लिम पक्ष को भरोसे में लिए दूसरी बार टीम सर्वे करने पहुंची। पुलिस और हिंदू पक्ष के वकीलों के साथ ऐसे लोग भी थे, जो मस्जिद के पास सड़कों पर भड़काऊ नारे लगा रहे थे। इसको सुनकर मुस्लिम नौजवान घरों से निकले और टकराव की स्थिति बनी। मौलाना मदनी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हालात संभालने के बजाय फायरिंग की, जिससे चार युवकों की मौत हो गई। उन्होंने हिंसा के दौरान जिम्मेदारी न निभाने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों और भड़काऊ नारे लगाकर उकसाने वालों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने की मांग की।

जमीयत के दूसरे गुट के अध्यक्ष व पूर्व सांसद मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि पुलिस की यह कार्रवाई न केवल अन्यायपूर्ण, बल्कि भेदभावपूर्ण भी है। अगर कोई सरकार किसी समुदाय के जीवन और संपत्ति को कमतर समझती है तो यह संविधान और कानून का उल्लंघन है। मौलाना मदनी ने कहा कि हमने पहले ही चेतावनी दी थी कि मस्जिदों में मंदिर खोजने की कोशिश देश की शांति और सौहार्द के लिए खतरनाक है।