लखनऊ। में ब्राह्मण नेता के रूप में पहचान रखने वाले जितिन प्रसाद रविवार शाम शपथ लेने के बाद योगी के मंत्रिमंडल में शामिल हो गए। बता दें कि वह पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। वह बीते नौ जून को कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। उन्हें भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।
अपने कांग्रेस छोड़ने पर जितिन ने कहा था कि मैंने पिछले 8-10 सालों में यह महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो भाजपा है। बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए, लेकिन राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो भाजपा है। उन्होंने कहा कि हमारा देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसके लिए आज देशहित में कोई दल और कोई नेता सबसे उपयुक्त और मजबूती से खड़ा है, तो वो भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
उन्होंने कहा था कि कांग्रेस अब एक व्यक्ति विशेष और वर्ग विशेष की पार्टी रह गई है। इस वजह से काम नहीं कर पा रहा था। बता दें कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने पार्टी में बड़े बदलाव की मांग की थी।
जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं। उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़ा था।
जितिन प्रसाद ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था।
इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने यूपीए सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री की भी जिम्मेदारी संभाली।
भाजपा में शामिल होने पर जितिन ने कहा था कि कांग्रेस में रह कर वह जनता के हितों की रक्षा नहीं कर पा रहे थे इसलिए वहां बने रहने का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने कहा, ‘अब भाजपा वह माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा था कि भाजपा में एक सशक्त संगठन और मजबूत नेतृत्व है जिसकी जरूरत आज देश को है। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी।