लखनऊ. उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं. वैसे-वैसे नेताओं के दल बदलने का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. वैसे तो हर चुनाव से पहले ऐसा होता है लेकिन इस बार सबसे ज्यादा घाव यूपी कांग्रेस को उठाना पड़ रहा है. एक तरफ प्रियंका गांधी पार्टी को मजबूत करने के लिए लखनऊ में ही डेरा जमाये हैं. वहीं दूसरी तरफ उनका कुनबा बिखरता जा रहा है.
पिछले कुछ महीनों में ही यूपी कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी का दाम छोड़ दिया है. नेतृत्व की कमी से जूझ रही कांग्रेस के लिए ये कोढ़ में खाज जैसी स्थिति हो गयी है. आइये जानते हैं कुछ चुनिंदा नेताओं के बारे में जिन्होंने पार्टी को बाय-बाय बोलकर नयी राह पकड़ ली.
गयादीन अनुरागी पार्टी में उपाध्यक्ष थे. बुन्देलखण्ड में उनकी अच्छी पैठ है. वे हमीरपुर से कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. अनुरागी ने पार्टी छोड़ दी है.
बुन्देलखण्ड के ही एक और कद्दावर कांग्रेसी ने पार्टी छोड़ दी है. विनोद चतुर्वेदी ने सपा ज्वाइन कर ली है. वे कांग्रेस से विधायक रह चुके हैं. कांग्रेस पार्टी से इनका पुराना नाता रहा है.
जितिन प्रसाद को कांग्रेस की राजनीति विरासत में मिली थी. उनके पिता जितेन्द्र प्रसाद पुराने कांग्रेसी थे. जितिन खुद केन्द्र में मंत्री रहे हैं लेकिन, उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. भाजपा ने उन्हें मंत्री बना दिया है. जितिन की राजनीतिक पैठ शाहजहांपुर और लखीमपुर में अच्छी मानी जाती है.
जितिन की तरह ललितेश को भी कांग्रेस की राजनीति विरासत में मिली. ललितेश यूपी के सीएम रह चुके कमलापति त्रिपाठी के परपोते हैं. वे भी पार्टी में प्रदेश उपाध्यक्ष थे और प्रियंका गांधी के बेहद करीबी. फिलहाल उन्होंने किसी पार्टी में जाने के अपने पत्ते नहीं खोले हैं.
अन्नू टण्डन – उन्नाव
उन्नाव से कांग्रेस की सांसद रहीं अन्नू टण्डन ने पिछले साल पार्टी छोड़ दी. वे 15 सालों तक पार्टी से जुड़ी रहीं. फिलहाल सपा में हैं.
राजकिशोर सिंह – बस्ती
2019 में कांग्रेस से लोकसभा का चुनाव लड़े बस्ती के नेता राजकिशोर सिंह ने भी पिछले साल कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी. वे बसपा में चले गये हैं. बसपा इनकी पुरानी पार्टी रही है. 2002 में राजकिशोर बस्ती की हर्रैया सीट से विधायक बने थे और बसपा सरकार में मंत्री भी.
शैलेन्द्र सिंह – AICC
बलिया के शैलन्द्र सिंह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे. काग्रेस पार्टी ने इनका भी पुराना नाता रहा लेकिन, पार्टी नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाकर इन्होंने भी दामन छोड़ दिया.
राजेश सिंह – AICC
बलिया के राजेश सिंह छात्र जीवन से ही कांग्रेसी रहे लेकिन, अब पार्टी छोड़ दी है. वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य थे. NSUI और प्रदेश कांग्रेस कमेटी में कई पदों पर रहे राजेश सिंह ने पार्टी नेतृत्व पर उपेक्षा का आरोप लगाया था.
अदिति सिंह – रायबरेली
अदिति सिंह रायबरेली से विधायक हैं. तकनीकि तौर पर वे कांग्रेस में हैं लेकिन. व्यावहारिक तौर पर पार्टी से कई जुड़ाव नहीं रह गया है. पिछले लम्बे समय से अदिति भाजपा के करीब और कांग्रेस से दूर हैं.
इमरान मसूद – राष्ट्रीय सचिव, सहारनपुर
पश्चिमी यूपी के इस बड़े नेता के बारे में चर्चा शुरु हो गयी है वे जल्द ही पार्टी का साथ छोड़ देंगे. मसूद अभी पार्टी में हैं लेकिन, ये उथल-पुथल तब से शुरू हुई, जब उन्होंने सपा की तारीफ कर डाली. कुछ दिनों बाद उनके कांग्रेस पार्टी से अलगाव की खबर मिल सकती है.