धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी के साथ भगवान धंवंतरि देव की पूजा का भी विधान है. दिवाली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती हैं और भाई दूज के दिन इसका समापन होता है. दिवाली आने में कुछ ही दिन बाकी हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार धनतेरस के दिन से मां लक्ष्मी के आह्वान, रोग, क्लेश, दुख,आदि से छुटकारा पाने के लिए उपासना शुरू हो जाती है. कहते हैं कि जिस घर में लड़ाई-झगड़ा और क्लेश रहता है, वहां मां लक्ष्मी कभी वास नहीं करतीं. ऐसे में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए घर में शांति और सकारात्मकता बनाए रखना बेहद जरूरी है.

मां लक्ष्मी के वास के लिए धनतेरस पर ही कुछ ऐसे उपायों को करने की सलाह दी जाती है, जिससे घर के वास्तु दोषों को दूर किया जा सके. घर की नकारात्मकता को दूर कर किया जा सके. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इन सब परेशानियों को दूर करने के लिए धनतेरस पर कुछ उपाय करने की सलाह दी गई है.

मान्यता है कि धनतेरस का दिन यम का दिन माना जाता है. इस दिन यम को प्रसन्न करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है. इतना ही नहीं, इस दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धंनंतरि देव की पूजा का भी विधान है. इस दिन इनकी पूजा से लोगों को निरोग होने का वारदान मिलता है. इस दिन जल पूजन और दीप दान दोनों का विशेष महत्व बताया जाता है. ताकि दोनों देवताओं की कृपा पाई जा सके.

अगर परिवार में क्लह-क्लेश बना हुआ है. शांत का माहौल नहीं है, संतान प्राप्ति में बाधा का सामना करना पड़ रहा है, बच्चों के विवाह में किसी प्रकार की कोई अड़चन आ रही है, व्यापार में बरकत के लिए, नौकरी में आ रही समस्याओं के लिए धनतेरस पर इन उपायों को करने से लाभ होता है.

धनतेरस के दिन विधिपूर्वक, पूरे श्रद्धा भाव से यम देवता का पूजन करने से नौकरी में रुका हुआ प्रमोशन, स्वयं पितृ दोष या ग्रहों, शनि या राहु की पीड़ा से मुक्ति मिलती है. इस दिन जल का पूजन कर दीप दान करें. ये कार्य आप किसी भी नहर या नदी के पास जाकर कर सकते हैं. वहीं, सामान्य दिनों में घर में नमक का पोछा लगाने से नकारात्मकता का नाश होता है.