नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन की आगे रणनीति तय कर दी है। इसके तहत किसान मई में संसद तक पैदल मार्च करेंगे। हालांकि अभी तारीख की घोषणा नहीं की गयी है। एसकेएम की तरफ से यह घोषणा राकेश टिकैत द्वारा कहे गए ट्रैक्टर मार्च से कुछ अलग है। राकेश टिकैत ने कहा था कि किसान ट्रैक्टर लेकर संसद पर चढ़ाई करेंगे।
बुधवार को संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया कि संसद मार्च में किसानों और मजदूरों के अलावा महिलाएं, दलित-आदिवासी-बहुजन,बेरोजगार युवा और समाज का हर वर्ग हिस्सा लेगा। यह कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा। एसकेएम की तरफ से कहा गया है कि किसानों की तरफ से 10 अप्रैल को 24 घंटे के लिए कुंडली-मानेसर-पलवर (केएमपी) एक्सप्रेस-वे को जाम किया जाएगा।
गौरतलब है कि राकेश टिकैत ने कहा था कि अगर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया तो इस बार अह्वान संसद घेरने का होगा और वहां चार नहीं चालीस लाख ट्रैक्टर जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने किसानों से ट्रैक्टर लेकर तैयार रहने का ऐलान किया था।
किसानों का क्या है कार्यक्रम?ः जारी कार्यक्रम के अनुसार 5 अप्रैल को फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया बचायो दिवस मनाया जाएगा। 10 अप्रैल को 24 घंटे तक केएमपी को ब्लॉक किया जाएगा। 13 अप्रैल को दिल्ली की सीमाओं पर वैशाखी का त्योहार मनाया जाएगा। 14 अप्रैल को अंबेडकर की जयंती संविधान बचाओ दिवस के रूप में होगा। 1 मई को दिल्ली बॉर्डर पर ही मजदूर दिवस का आयोजन होगा।
किसानों का आंदोलन जारी हैः तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। पिछले लगभग 125 दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी दोनों पक्ष के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया। जिसके बाद से सरकार और किसानों के बीच डेडलॉक जारी है। दोनों ही पक्षों के बीच अंतिम बार वार्ता 22 जनवरी को हुई थी।