मुंबई। UPS यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम की पेशकश करने वाला महाराष्ट्र भारत का पहला राज्य बन गया है। केंद्र सरकार ने इस नई योजना का ऐलान शनिवार को किया है। इसके तहत साल 2004 के बाद सेवा में प्रवेश करने वाले कर्मचारियों को आखिरी वेतन की करीब 50 प्रतिशत पेंशन मिलेगी। खास बात है कि महाराष्ट्र में यह फैसला ऐसे समय पर लागू किया गया है, जब राज्य में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बाकी हैं।

केंद्रीय कैबिनेट की तरफ से यूपीएस को मंजूरी दिए जाने के महज 24 घंटे के भीतर ही महाराष्ट्र में इसकी पेशकश की जाने लगी है। इधर, कई केंद्रीय कर्मचारी संगठन भी राज्यों में इसे लागू किए जाने की मांग कर रहे हैं। महाराष्ट्र में शिवसेना की अगुवाई वाली नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) सरकार है। इस योजना के पूरी देश में लागू होने पर लाखों कर्मचारियों को फायदा मिलने की संभावनाएं हैं।

क्या है UPS और कब से होगी लागू
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ने कहा कि यूपीएस में कर्मचारी को 25 वर्ष की सेवा के बाद आखिरी वर्ष के औसत वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर पेंशन मिलेगी। एकीकृत पेंशन योजना एक अप्रैल 2025 से लागू होगी।

यूपीएस के लिये कर्मचारियों के अंशदान को एनपीएस की मौजूदा व्यवस्था के 10 प्रतिशत के बराबर ही रखा गया है जबकि सरकार ने अपने अंशदान को 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 18.5 प्रतिशत करने का फैसला किया है। इस पेंशन योजना में पारिवारिक पेंशन, गारंटी शुदा न्यूनतम पेंशन और सेवानिवृत्ति के बाद एकमुश्त भुगतान के भी प्रावधान किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि यूपीएस लागू करने से एरियर के रूप में चालू वित्त वर्ष में सरकार को करीब 800 करोड़ रुपए व्यय करने पड़ेंगे जबकि यूपीएस के लिए लगभग 6250 करोड़ रुपए खर्च होंगे। वैष्णव ने कहा कि इससे केन्द्र सरकार के 30 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभ होगा और और राज्य सरकारें यूपीएस को लागू करती हैं तो कुल 90 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा हो सकेगा।