लखनऊ। में विधान सभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों का इंतजार खत्म करते हुए गन्ना मूल्य में प्रति कुंतल 25 रुपये की बढ़ोत्तरी की घोषणा कर दी। भाजपा किसान मोर्चा के सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने कहा कि 315 रुपये प्रति कुंतल में बिकने वाले सामान्य गन्ना अब 340 रुपये में, 325 रुपये कुंतल बिकने वाला गन्ना 350 रुपये प्रतिकुंतल बिकेगा। अनउपयुक्त अगैती गन्ना के मूल्य में भी 25 रुपये कुंतल की वृद्धि होगी। उन्होंने दावा किया कि इससे गन्ना किसानों की आय में आठ फीसदी की वृद्धि होगी। उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।

मुख्यमंत्री योगी ने वृंदावना योजना में आयोजित भाजपा किसान मोर्चा के सम्मेलन में कहा कि गन्ना मूल्य में वृद्धि से 45 लाख किसानों के जीवन में परिवर्तन होगा। 30 नवंबर तक गन्ना मूल्य का भुगतान किया जाएगा। इसके बाद फिर से मिलों को चलाया जाएगा। एकमुश्त योजना के माध्यम से किसानों का ब्याज माफ किया जाएगा। इसके लिए कमेटी बना दी गई है। जल्द ही ब्याज माफी के लिए ठोस योजना लाई जाएगी। जिससे किसानों को राहत मिलेगी। सीएम योगी कहा कि 2004 से 2014 के बीच का शासन सबने देखा होगा। प्रदेश और देश में वह अंधकार युग था। कोई सुरक्षित नहीं था। किसान आत्महत्या कर रहा था।

गरीब भूख से मर रहा था। जब केंद्र में हमारी सरकार आई तब बिना पीएम मोदी ने कहा हम  चेहरा देखकर नहीं, सबके लिए कार्य करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सॉइल हेल्थ कार्ड जारी किया था। उनका कहना था कि जब धरती माता की सेहत का ध्यान रखेंगे तो हमें वैसा ही परिणाम मिलेगा। उप्र में सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये ऋण माफ किया। उप्र में अन्नतदाता के चहरे पर खुशहाली आई है। किसान का अन्न सीधे क्रय केंद्रों पर खरीदता जा रहा है। आढ़तियों और बिचौलिया का इससे दखल हट गया है। सपा, बसपा, कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि उपज खरीदने की व्यवस्था उन्होंने क्यों नहीं दी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने 29 लाख से अधिक किसानों का गेहूं खरीद कर 12408 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। जबकि हमारी सरकार ने 45.75 लाख से अधिक साढ़े चार साल में 36504 करोड़ से अधिक का गेहूं खरीद कर सीधे खाते में भुगतान किया हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा सरकार में 21 चीनी मिलें औने-पौने दाम पर बेच दी गई थी। सपा सरकार ने 11 चीनी मिलें बंद कर दी। लेकिन हमने जो चीनी मिलें वापस ली जा सकती थीं, उसे वापस लिया है। पिपराइच, रमाला और मुंडेरवा की चीनी मिल को नए संयंत्र लगार फिर से शुरू किया है। इससे किसानों के चेहरे पर खुशी आई है। प्रदेश में जब भाजपा सरकार आई थी तब 08 साल से गन्ना किसानों का भुगतान नहीं हुआ था। गन्ना उपज का रकबा सिकुड़ रहा था। हमारी सरकार ने पहले साल में बंद चीनी मिलें चलाई। इसके बाद किसानों का भुगतान किया।

कोरोना काल में जब ब्राजील का चीनी उद्योग ठप हो गया था। महाराष्ट्र, कर्नाटक में भी चीनें मिलें बंद थी। तब आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर 119 चीनी मिलों को चलाया गया था। 2004 से 2017 तक किसानों का गन्ना चीनी मिल तक पहुंचाने में दिक्कतें थी। जब गन्ना पहुंचता था तो मिल बंद हो जाती थी। किसान को अपना गन्ना जालाना पड़ता था। अब जब तक किसान के खेत में गन्ना रहता है चीनी मिलों को चलाया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसान आत्महत्या नहीं करते हैं। 100 वर्ष पहले देश में स्पेनिश फ्लू आया था तब लगभग  2.5 करोड़ लोग मरे थे। लेकिन पीएम मोदी कोरोना काल में जीवन और जीवनी दोनों को बचाने का काम किया है। कोरोना काल में कोई भी भूख से नहीं मरा है। प्रधानमंत्री ने देश की 80 करोड़ जनता को फ्री में राशन दिया है। उप्र में 15 करोड़ लोगों को फ्री में राशन देने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश में टीकाकरण कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि अब तक 10 करोड़ से अधिक लोगों को कोरोना का सुरक्षा कवच मिल चुका है। इसीलिए प्रदेश से कोरोना साफ हो गया है। लेकिन हमें अभी भी सावधान रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि पीएम ने किसानों को बिना भेदभाव पेंशन दी। खाद में 1200 रुपये की छूट दी। प्रदेश में 2.54 करोड़ लोगों को किसान सम्मान निधि का लाभ मिल रहा है। यूपी सरकार ने किसानों को सिंचाई के लिए सोलर पंप दिए। बुंदेलखंड में खेत-तालाब योजना लागू की। अर्जुन सहायक परियोजना पूरी हो चुकी है। पीएम अगले महीने इसका उद्घाटन करेंगे। इसके अलावा कई अन्य बांध परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं। पहले वन्य जीव की टकराहट से जब किसान की जान जाती थी तो उसे मुआवजा नहीं दिया जाता था। लेकिन हमने उसे आपदा कोष से चार लाख रुपये मुआवजा दिलाने की व्यवस्था की है। इसके अलावा अन्य योजनाओं से भी पांच लाख रुपये किसानों को दिया जाता है।

सीएम योगी ने कहा कि अब किसान की खेत से मोटर चोरी नहीं होती है। रात में उसकी जान नहीं जाती है। 2013 में मुजफ्फर नगर के दंगे में किसान, उनके बेटे और बच्चों की मौत हुई थी। पुरानी सरकार दंगाइयों का सम्मान करती थी। अब दंगा करने वालों से सात पीढ़ी तक वसूली होती है। पश्चिम में लोग दूध का धंधा नहीं करते थे, क्योंकि वहां गाय और भैंस घर से चोरी हो जाती थी। भैंसा गाड़ी से भैंसा भी चोरी हो जाता था। लेकिन अब स्लाटर हाउस बंद हो गए हैं। हमने दूध का धंधा करने के लिए चार-चार गोवंश दिए हैं। साथ ही प्रत्येक गोवंश के लिए 900 रुपये प्रतिमाह खर्च भी देने की व्यवस्था की है। किसी परिवार में यदि कोई कोपोषित बच्चा था तो उसे दूध पीने के लिए गाय दी गई। साथ ही 900 रुपये प्रतिमाह उसके खाने के लिए दिया गया। जिन किसानों पर पराली जलाने के मुकदमें हुए थे, उसे भी वापस किया गया है।

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यूपी चार से खाद्यान्न उत्पादन में नंबर वन है। किसान के उत्पाद पर मंडी शुल्क नहीं लिया जाता है। कोरोना के बावजूद 56.5 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। यह खरीद सपा कार्यकाल से आठ गुना ज्यादा है। किसानों के खातों में उपज की खरीद सीधे खातों में पहुंच रही है। गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि भाजपा सरकार ने खांडसारी उद्योग को लाइसेंस दिया है। इसके लिए 46 साल से इंतजार किया जा रहा था। पुरानी सरकार के समय प्रदेश में एक सत्र में 66 करोड़ कुंतल पेराई होती थी। भाजपा शासन में एक सत्र में 1.18 लाख करोड़ कुंतल पेराई का रिकार्ड बना है। अब गन्ना उत्पादन बढ़कर 81 टन प्रति हेक्टेयर हो गया है। भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि सैफई खानदान ने प्रदेश को लूटा है। प्रदेश में अराजकता थी। अब किसान मजबूत हो रहा है। वनटांगिया और मुसहर भी सिर उठाकर जी रहे हैं। इस मौके पर पूर्व कृषि मंत्री राधा मोहन दास, भाजपा किसान मोर्चा के अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, महिला कल्याण मंत्री स्वाति सिंह भी मौजूद थे।