सहारनपुर. यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक उठापटक शुरू हो गई है। राजनीति में अपना जनाधार खो चुका काजी परिवार फिर से राजनीतिक गलियारों में सुर्खियां बटोरते हुए दो अलग-अलग दलों में शामिल होने की घोषणा कर चुका है। एक ओर पश्चिमी यूपी के कद्दावर नेता इमरान मसूद ने सपा में जाने की घोषणा कर दी है। वहीं, उनके जुड़वां भाई नोमान मसूद रालोद का दामन छोड़कर बसपा में शामिल हो रहे हैं।
अभी-अभीः इमरान मसूद कांग्रेस छोड सपा में हुए शामिल, किया ये बडा ऐलान @yadavakhilesh @samajwadiparty #imranmasood #Saharanpur #UPElection2022 #UPElections pic.twitter.com/9WT3O3brVc
— ASB NEWS INDIA (@asbnewsindia) January 10, 2022
2017 के विधानसभा चुनाव में इमरान मसूद ने जिले में कांग्रेस के दो विधायकों (बेहट से नरेश सैनी और सहारनपुर देहात से मसूद अख्तर) को जिताकर विधानसभा में भेजा था। सोमवार को बड़ी नहर स्थित अपने आवास पर 1000 से ज्यादा समर्थकों की मौजूदगी में उन्होंने सपा में शामिल होने की घोषणा कर दी है। देहात विधानसभा से कांग्रेस विधायक मसूद अख्तर भी उनके साथ दिखाई दिए हैं। इससे साफ है कि वह भी कांग्रेस छोड़कर सपा में शामिल होने वाले हैं। हालांकि बेहट विधानसभा से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी ने पार्टी बदलने से अभी इंकार कर दिया है।
प्रदेश में सपा और रालोद गठबंधन की घोषणा के बाद से ही काजी परिवार में सियासत में तेज हो चली है। काजी इमरान मसूद कांग्रेस में थे, तो उनके जुड़वां भाई ने रालोद ज्वाइन की थी। जैसे ही इमरान मसूद ने सपा में जाने के ऐलान किया, तो नोमान ने भी गठबंधन पार्टी को छोड़ कर बसपा में जाने की घोषणा कर दी। नोमान ने रालोद प्रमुख जयंत चौधरी को अपनी राजनीतिक ताकत दिखाने के लिए 15 अक्टूबर को एक बड़ी जनसभा की थी। गठबंधन के बाद अपनी सीट सपा के खाते में जाती देखकर उन्होंने बसपा का दामन थामने की घोषणा कर दी।
गंगोह विधानसभा सीट से 2017 में कांग्रेस-सपा गठबंधन के चलते कांग्रेस के टिकट पर नोमान ने चुनाव लड़ा था। भाजपा के प्रदीप चौधरी से वह 38 हजार वोटों से हार गए थे। 2019 में प्रदीप चौधरी ने सांसद का चुनाव लड़ा और वह जीत गए। गंगोह सीट पर 2019 में उपचुनाव हुए। इसमें नोमान ने कांग्रेस के टिकट पर फिर से ताल ठोकी। लेकिन इस बार वह भी भाजपा के कीरत से 5 हजार वोटों के अंतर से हार गए।