गोरखपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जबसे देश की कमान संभाली है, तब से पूर्वांचल के विकास को गति मिली. योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने बाद यहां के विकास को पंख से लग गए. पूर्वांचल में विकास को और गति देने के लिए रेल, विमान के साथ-साथ सड़क मार्ग का जाल बिछाया गया. अब गोरखपुर को एक नए एक्सप्रेस-वे का तोहफा मिलने वाला है. 500 किलोमीटर लंबा ये एक्सप्रेस-वे गोरखपुर के सोनौली फोरलेन पर पीपीगंज के पास से शुरू होकर यूपी के 20 जिलों से गुजरते हुए शामली तक जाएगा. यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह से ग्रीन फील्ड होगा. इसके लिए नए सिरे से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसका डीपीआर बनाने के लिए कंसलटेंट की नियुक्ति कर दी है. गोरखपुर- शामली एक्सप्रेस-वे पंजाब-नार्थ-ईस्ट कॉरिडोर का एक हिस्सा है. अंबाला से शामली तक करीब 110 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का निर्माण शुरू हो गया है, जिसे 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेसवे यहां से शुरू होने वाला तीसरा एक्सप्रेस-वे होगा. इसके पहले गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे पर तेजी से काम चल रहा है. 50 प्रतिशत से अधिक काम उस पर हो चुका है. इसी साल ये एक्सप्रेस-वे आजमगढ़ में जाकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से मिल जाएगा. जिससे दिल्ली जाने का एक और बेहतर रास्ता लोगों को मिल जाएगा. इसी के साथ गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 519 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे की डीपीआर भी तैयार किया जा रहा है
गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद गोरखपुर से अंबाला की दूरी करीब 300 किलोमीटर कम हो जायेगी. साथ ही यूपी के 10 जिले पहली बार किसी एक्सप्रेस-वे से जुड़ेंगे. गोरखपुर-शामली एक्सप्रेस-वे के बनने से यूपी के तराई के जिलों में विकास को और गति मिलेगी. केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी कहते हैं कि अमेरिका इसलिए विकसित देश है, क्योंकि उनके पास बेहतर सड़के हैं. अब देश में भी उसी तर्ज पर सड़कें बनाई जा रही हैं.