टेलीविजन के चर्चित सीरियल ‘रामायण’ में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए हैं। उन्होंने पार्टी कार्यालय में सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों में चुनावी सरगर्मियों के बीच बीजेपी की सदस्यता ग्रहण करने वाले अरुण गोविल को लेकर कयास लग रहा है कि वो विधानसभा चुनाव भी लड़ सकते हैं।
बता दें, अरुण गोविल रामायण के पहले ऐसे कलाकार नहीं हैं जो राजनीति में उतरे हैं। इससे पहले भी रामानंद सागर के चर्चित सीरियल के कलाकार राजनीति में आ चुके हैं। रामायण में ‘सीता’ की भूमिका निभाने वालीं एक्ट्रेस दीपिका चिखलिया, ‘हनुमान’ की भूमिका निभाने वाले दारा सिंह और ‘रावण’ की भूमिका निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी भी चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।
दीपिका, जहां बीजेपी के टिकट पर बड़ौदा सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंची थीं। तो वहीं, दारा सिंह भी भाजपा के साथ जुड़े और 2003 से 2009 तक राज्यसभा के नामित सदस्य रहे। हालांकि, राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल (Arun Govil) की सियासी पारी को लेकर हमेशा चर्चा होती रही, लेकिन वे राजनीति के अखाड़े में अब तक नहीं उतरे थे।
इससे पहले भी कयास लगाए गए थे कि अरुण गोविल किसी राजनैतिक पार्टी में शामिल हो सकते हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान चर्चा थी कि गोविल कांग्रेस का हिस्सा हो सकते हैं। खबर आई थी कि अरुण गोविल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर MP के इंदौर से चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
आपको बता दें कि अरुण गोविल पहले कहते रहे हैं कि ‘रामायण के प्रसारण के बाद से ऐसा कोई चुनाव नहीं रहा है जब उनके पास चुनाव लड़ने का ऑफर ना आया हो। यहां तक कि पिछले लोकसभा चुनाव में भी ऑफर आया, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया…’। वे कहते हैं कि ‘कभी सियासत में उतरने का मेरा मन ही नहीं किया और न ही संयोग बना। मैंने उस रूप में अपने आप को देखा ही नहीं…’।
बता दें, कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान लोगों की मांग पर दोबारा रामायण का प्रसारण किया गया था। इसी दौरान अरुण गोविल की फिर से चर्चा शुरू हो गई थी। इसी दौरान अरुण गोविल ने एक ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें सरकार की तरफ से आज तक कोई सम्मान नहीं मिला।
उन्होंने उस वक्त नाराजगी जताते हुए लिखा था- ‘चाहे कोई राज्य सरकार हो या केंद्र सरकार, मुझे आज तक किसी सरकार ने कोई सम्मान नहीं दिया है। मैं उत्तर प्रदेश से हूं, लेकिन उस सरकार ने भी मुझे आज तक कोई सम्मान नहीं दिया। और यहां तक कि मैं पचास साल से मुंबई में हूं, लेकिन महाराष्ट्र की सरकार ने भी कोई सम्मान नहीं दिया।