लखनऊ। तिकुनियां की हिंसक घटना में मारे गए किसानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खेल करने का आरोप लगाते हुए मृतक किसान लवप्रीत सिंह के परिजनों ने मंगलवार को अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया, तो मौके पर राकेश टिकैत पहुंच गए। जिसके बाद उनकी बंद कमरे में वार्ता हुई। वार्ता के बाद परिजन मान गए और शव का अंतिम संस्कार कर दिया। राकेश टिकैत और लवप्रीत के परिजनों की बंद कमरे में करीब सवा घंटे बातचीत चली तब कहीं जाकर पीड़ित पक्ष ने राकेश टिकैत की बात मानी। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा कि जिस पर गोली लगने का शक है उसका पोस्टमॉर्टम प्रदेश के बाहर किया जाए।

दरअसल परिजनों ने युवक लवप्रीत सिंह का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया था। उनका कहना था कि नानपारा निवासी किसान गुरविंदर सिंह की गोली मारकर हत्या की गई थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट में यह बात नहीं आई। जिसके बाद उन्होंने पोस्टमोटम रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए अंतिम संस्कार से इनकार किया था। मामले की खबर लगते ही भाकियू नेता राकेश टिकैत मंगलवार को वापस लखीमपुर लौटे और मझगईं के चौखड़ा फार्म में जाकर लवप्रीत सिंह के परिजनों से मुलाकात की और उसका अंतिम संस्कार करने के लिए कहा।

दरअसल लवप्रीत सिंह का सुबह 10 बजे अंतिम संस्कार होना था। लेकिन जब पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का पता चला तो किसानों में गुस्सा भड़क उठा। किसानों का आरोप था कि नानपारा बहराइच के किसान गुरविंदर सिंह की मौत गोली लगने से हुई थी, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गोली लगने का जिक्र भी नहीं किया गया है। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को बचाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लीपापोती की गई है।
अब किसानों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया, कहा कि जब तक सही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं आती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इसके साथ ही खीरी और बहराइच जिले में सियासी पारा एक बार फिर चढ़ गया है।

शव का अंतिम संस्कार रोके जाने की सूचना मिलते ही डीएम डॉ. अरविंद कुमार चौरसिया, आईपीएस अधिकारी, अजय शर्मा, कई सीओ, कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गए। उधर किसान नेता सीएम सिंह, पंजाब के किसान नेता रूला सिंह मानसा, कांग्रेस नेता सैफ अली नकवी, पूर्व एमएलसी आरएस कुशवाहा, राम नरेश यादव, अनिता यादव और भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अजित सिंह मौके पर पहुंच चुके हैं।