सीतापुर. उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी नेता आजम खान की जमानत पर फैसला ना आने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खान 87 में से 86 मामलों में जमानत पा चुके हैं, फैसला रिजर्व हुए 137 दिन बीत गए लेकिन इस मामले में फैसला नहीं आया, ये तो न्याय का मखौल उड़ाना है.

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हाईकोर्ट फैसला नहीं करता तो हम इस मामले में दखल देंगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को अगली सुनवाई की तारीख दी है. दरअसल एक मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 4 दिसंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था.

अभी तक इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपना फैसला नहीं दिया है. इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में गुरुवार को भी सुनवाई हुई थी. हाई कोर्ट में आजम खान की जमानत अर्जी पर सुनवाई पूरी हुई. करीब ढाई घंटे चली बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया है.

क्या है पूरा मामला
अब तक आजम खान को सभी मामलों में पहले ही जमानत दी जा चुकी है, ऐसे में इस आखिरी मामले में जमानत मिलने पर वे जेल से बाहर आ सकते हैं. जिस मामले में आजम खान को बेल नहीं मिल रही है वो वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से कब्जा करने को लेकर है. इस मामले में आखिरी बार चार दिसंबर 2021 को सुनवाई हुई थी.

तब भी फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था. पिछले दो साल से आजम खान सीतापुर जेल में बंद हैं. उनकी जमानत को लेकर भी जमकर राजनीति होती दिख रही है. समाजवादी पार्टी के अंदर ही एक अलग लड़ाई शुरू हो गई है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण तब देखने को मिल गया जब आजम खान के मीडिया सलाहकार फसाहत अली ने अखिलेश यादव पर बड़ा आरोप लगा दिया. उन्होंने दावा कर दिया कि सपा प्रमुख नहीं चाहते कि आजम खान जेल से बाहर आएं. इस बयान के बाद सपा के अंदर ही सियासी हलचल तेज हो गई थी और कुछ मुस्लिम नेताओं ने अपना इस्तीफा भी दे दिया.

बाद में इस बात पर भी चर्चा रही कि आजम खान ने जेल में शिवपाल यादव से तो मुलाकात कर ली, लेकिन सपा प्रतिनिधिमंडल से नहीं मिले. उनके उस अंदाज ने सवाल खड़े कर दिए कि कही आजम खान सपा से खफा तो नहीं? सपा प्रमुख ने इस मुद्दे पर कोई बात नहीं की है लेकिन शिवपाल यादव द्वारा जरूर आरोप लगाया गया कि अखिलेश, आजम खान के साथ नहीं खड़े हैं.