काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल एक बार फिर आतंकवादी हमलों से दहल उठा है। इस बार आतंकवादियों ने मासूम बच्चों को निशाना बनाया। काबुल के पश्चिमी इलाके में दो स्कूलों के बाहर हुए फिदायीन हमले में 25 से अधिक बच्चों की मौत हो गई। बड़ी संख्या में बच्चे घायल भी हैं।

शुरुआती जानकारी के अनुसार, मंगलवार को पहला ब्लास्ट मुमताज एजुकेशनल सेंटर के पास हुआ। दूसरा ब्लास्ट अब्दुल रहीम शहीद हाईस्कूल के सामने हुआ। जिस समय ये ब्लास्ट हुए, छुट्टी होने के बाद बच्चे घर जाने बाहर निकले थे। धमाके काबुल के दस्त-बार्ची एरिया में हुए।

इन ब्लास्ट की जिम्मेदारी अभी तक किसी भी आतंकवादी संगठन ने नहीं ली है। वैसे अफगानिस्तान में इस इस्लामिक स्टेट अकसर हमले करता आया है। इसलिए इन हमलों का शक भी उसी पर है। हालांकि उसने अभी तक जिम्मेदारी नहीं ली है। इस्लामिक स्टेट अफगानिस्तान की शिया मुस्लिम आबादी को टार्गेट करता आया है। तालिबान सरकार दावा करता आया है कि वो आतंकवादी हमलों को रोकने में कामयाब रहा है, लेकिन इन धमाकों ने उसकी सुरक्षा व्यवस्था का असलियत सामने लाकर रख दी है। अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट ’इस्लामिक स्टेट ऑफ खुरासान प्राविंस’ के नाम से सक्रिय है।

अफगानिस्तान से नाटो सेना की वापसी और तालिबान के कब्जे के बाद से ही आतंकवादी हमले शुरू हो गए थे। काबुल एयरपोर्ट पर सबसे पहले हमला हुआ था। इसके बाद काबुल के मध्य में स्थित 18वीं सदी की पुल-ए-खिश्ती मस्जिद पर हमला किया गया था। 4 अप्रैल को हुए इस आतंकवादी हमले में एक संदिग्ध को पकड़ा गया था।

बताया जाता है तीन ब्लास्ट हुए। टोलो न्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने हमलों की पुष्टि करते हुए जांच के आदेश दिए हैं। कुछ सूत्रों के अनुसार, मरने वाले बच्चों की संख्या 6 है। ये तीनों ब्लास्ट 20-25 मिनट के अंतराल पर हुए।

तालिबान के पाकिस्तान से रिश्ते भी ठीक नहीं चल रहे हैं। पाकिस्तानी वायु सेना ने अफगानिस्तान के खोस्त और कुनार प्रांतों में हवाई हमले किए थे, जिसमें 40 से अधिक लोगों के मारे जाने की बात सामने आई थी। इसके बाद अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा था कि दुबारा ऐसा हुआ, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।