झांसी| झांसी के नवाबाद थाना क्षेत्र स्थित पिछोर में तवे से पीटकर अपने माता-पिता की जान लेने वाले हत्यारे बेटे अंकित झा को रिमांड मजिस्ट्रेट ने 14 दिन की न्यायिक कस्टडी में जेल भेज दिया। शुक्रवार देर-रात बंगरा स्थित एक प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक लक्ष्मी प्रसाद झा (58) एवं उनकी पत्नी विमला देवी (55) की इकलौते बेटे अंकित (28) ने सोते समय तवा मार-मारकर नृशंस हत्या कर दी थी।

पुलिस ने हत्यारोपी अंकित को उसके घर से ही गिरफ्तार कर लिया था। इस मामले में बहन नीलम की तहरीर पर हत्यारोपी अंकित के खिलाफ धारा 302 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली गई थी। नवाबाद इंस्पेक्टर सुधाकर मिश्र ने आरोपी को कोर्ट के सामने पेश किया। रविवार होने के नाते रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने उसकी पेशी हुई। कोर्ट ने सभी कागज देखने के बाद उसकी पहली न्यायिक कस्टडी मंजूर कर ली।

एक झटके में अपने मां-बाप को गवां बैठीं तीनों युवतियां भाई की हरकत से बेहद सदमे में हैं। रविवार को भी नीलम सामान्य नहीं हो सकी। छोटी बहन सुंदरी और शिवानी किसी तरह उसे संभालने की कोशिश करती रहीं। दोपहर को नीलम छोटी बहन शिवानी को लेकर नवाबाद थाने पहुंची।

पुलिसकर्मियों के मुताबिक, गुस्से में दोनों बहने थाने के लॉकअप तक पहुंची लेकिन, हत्यारोपी भाई ने उनसे कोई बात नहीं की। वह उनको सिर्फ घूरता रहा। मझली बहन सुंदरी का कहना है कि अंकित की मानसिक स्थिति ठीक नहीं रहती थी। तीनों बहनें मिलकर उसका इलाज कराएंगी। उन लोगों का कहना है कि कुछ दिनों के बाद वह लोग कोर्ट से गुहार लगाएंगीं।

अंकित को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसे लेकर नवाबाद थाने लाई। यहां शनिवार रात उसने लॉकअप में ही बिताई लेकिन, पुलिसकर्मियों का कहना है कि वह पूरी रात सोया ही नहीं। सिर्फ फर्श पर बैठा रहा। रात में उसे खाने के लिए रोटी और सब्जी दी गई। खाना उसने पूरा खा लिया। सुबह उसे जब बिस्कुट दिया गया, उसे भी उसने खा लिया।

परिजनों का कहना है कि अंकित सोता नहीं था। 24 घंटे में 20-22 घंटे तक वह जागता रहता था। पूरा समय टीवी देखने में गुजारता था। क्राइम पेट्रोल और मारधाड़ वाली फिल्म देखने का उसे बेहद शौक था। रात दिन टीवी पर क्राइम पेट्रोल और फिल्में देखता रहता था। जिनमें एक्शन सीन रहते थे उसे वह बार-बार देखता था।

पेन ड्राइव में भी वह इन फिल्में को सुरक्षित रखता था। नहाता तक नहीं था। टीवी का रिचार्ज खत्म होना भी उसे बर्दाश्त नहीं था। टीवी न आने पर हंगामा करने लगता था। पूरा घर सिर पर उठा लेता था। सामान इधर-उधर फेंककर तोड़ देता था। इस वजह से परिवार के लोग यह कोशिश करते थे यह नौबत न आए।

घटना के दिन लक्ष्मी प्रसाद के घर से करीब पचास मीटर दूर रहने वाले मलखान दोहरे के इकलौते बेटे शुभम ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। मोहल्ले में यह बात फैलते ही लक्ष्मी प्रसाद भी पत्नी विमला के साथ मलखान के घर पहुंच गए थे। यहां से लौटने के कुछ देर बाद ही उन दोनों की बेटे अंकित ने हत्या कर दी।

झांसी शहर में एक सनकी बेटे ने शुक्रवार की देर रात को अपने कमरे में सो रहे शिक्षक पिता और मां को लोहे के तवे और डंडे से पीट-पीटकर मार डाला। परिवार के लोगों का कहना है कि युवक पबजी गेम के मकड़जाल में फंसकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था। वह बीते दिन भी मोबाइल पर गेम खेल रहा था। गुस्साए पिता ने उससे मोबाइल छीना और घर में छुपा दिया। उस वक्त तो युवक नाराज होकर अपने कमरे में चला गया लेकिन देर रात को उसने सोते मां-बाप पर हमला कर दिया।

बंगरा निवासी लक्ष्मी प्रसाद झा (58) पलरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य थे। वह अपनी पत्नी विमला (55) और इकलौते बेटे अंकित (28) के साथ पिछोर में रहते थे। तीन बेटियों में बड़ी बेटी नीलम एवं सुंदरी की शादी हो चुकी जबकि छोटी बेटी शिवानी उरई में रहकर पढ़ाई करती है। झांसी में ही रहने वाली बड़ी बेटी नीलम के मुताबिक अंकित को पबजी गेम खेलने की लत लग गई थी। पिता इस बात पर उसे अक्सर टोकते थे।

वह उससे मोबाइल भी छीन लिया करते थे। लेकिन इसके बाद भी जब कभी अंकित को मोबाइल मिलता वह चोरी-छिपे पबजी खेलने लग जाता था। शुक्रवार को भी अंकित के हाथ मोबाइल लग गया था। जब पिता लक्ष्मी प्रसाद ने उसके हाथ में मोबाइल देखा तो उसे फटकारते हुए मोबाइल छीन लिया और अपने कमरे में अलमारी में रख दिया था। इससे अंकित नाराज हो गया । रात में सब लोगों ने साथ में खाना खाया और अपने कमरे में जाकर सो गए। लक्ष्मी प्रसाद अपनी पत्नी विमला के साथ नीचे वाले कमरे में थे। जबकि अंकित पहली मंजिल पर बने अपने कमरे में चला गया।

एसएसपी राजेश एस ने बताया कि अब तक की पड़ताल और गिरफ्तार अंकित से पूछताछ में जो पता चला है उसके मुताबिक रात को करीब दो बजे अचानक अंकित कमरे में आया। उसने हाथ में लोहे का तवा लिया हुआ था। इसी तवे से अपने पिता लक्ष्मी प्रसाद के चेहरे एवं सिर पर कई वार कर दिए। चीख पुकार सुनकर पास में सो रही उनकी पत्नी विमला की आंख खुल गई। जैसे ही वह बीच-बचाव को आगे आईं अंकित ने उनके ऊपर भी तवे और डंडे से हमला कर दिया।

मां विमला भी खून से लथपथ होकर वहीं पर गिर पड़ी। लक्ष्मी प्रसाद की मौके पर ही मौत हो गई जबकि विमला गंभीर रूप से घायल हो गई। इसके बाद अंकित वापस अपने कमरे में चला गया। घटना का खुलासा तब हुआ जब झांसी में ही रहने वाली उनकी बेटी नीलम ने अपने पिता लक्ष्मीप्रसाद को फोन किया लेकिन फोन उठा नहीं। लिहाजा उसने पड़ोसी काशीराम को फोन करके बताया कि उनके पिता का फोन नहीं उठ रहा है। इस पर काशीराम इनके घर पहुंचे।

उन्होंने किसी तरह से दरवाजा खोला और भीतर जाकर देखा तो लक्ष्मीप्रसाद और उनकी पत्नी खून से लपथपथ अवस्था में बिस्तर पर पड़े थे। पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में मुहल्ले वाले भी जमा हो गए। उस समय विमला की सांसें चल रही थीं। उन्होंने ही पुलिस को बताया था कि उनके बेटे ने दोनों पर हमला किया था। कुछ ही देर बाद मेडिकल कालेज में विमला की भी मौत हो गई। पुलिस ने घर से ही आरोपी युवक अंकित को गिरफ्तार कर लिया है।