नई दिल्ली. बीते रविवार को केंद्र सरकार ने देशभर में पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कम करके लोगों को बड़ी राहत दी. इसके बाद आज लगातार पांचवें दिन पेट्रोल-डीजल के दाम स्थिर हैं. केंद्र सरकार के इस कदम के बाद कई राज्यों ने भी पेट्रोल-डीजल से वैट कम किया, इसके बाद तेल की कीमतें कम हो गईं. दुनियाभर में इस समय क्रूड ऑयल की कीमत बढ़ रही है, इसके बावजूद भी देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम होना राहत की बात है.

इन राज्यों ने घटाया वैट
केंद्र सरकार के पेट्रोल-डीजल से एक्साइज ड्यूटी कम करने के बाद कुछ राज्यों ने भी आगे आकर लोगों को राहत दी. कुछ राज्यों ने पेट्रोल-डीजल से वैट कम किया. महाराष्ट्र, केरल और राजस्थान सरकार ने पेट्रोल-डीजल से वैट घटा दिया. वैट घटाने के बाद महाराष्‍ट्र सरकार को 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है.

क्या है आपके शहर का रेट
– दिल्ली पेट्रोल 96.72 रुपये और डीजल 89.62 रुपये प्रति लीटर
– मुंबई पेट्रोल 111.35 रुपये और डीजल 97.28 रुपये प्रति लीटर
– चेन्नई पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर
– कोलकाता पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर
– नोएडा में पेट्रोल 96.57 रुपये और डीजल 89.96 रुपये प्रति लीटर
– लखनऊ में पेट्रोल 96.57 रुपये और डीजल 89.76 रुपये प्रति लीटर
– जयपुर में पेट्रोल 108.48 रुपये और डीजल 93.72 रुपये प्रति लीटर
– तिरुवनंतपुरम में पेट्रोल 107.71 रुपये और डीजल 96.52 रुपये प्रति लीटर
– पोर्टब्‍लेयर में पेट्रोल 84.10 रुपये और डीजल 79.74 रुपये प्रति लीटर
– पटना में पेट्रोल 107.24 रुपये और डीजल 94.04 रुपये प्रति लीटर
– गुरुग्राम में 97.18 रुपये और डीजल 90.05 रुपये प्रति लीटर
– बेंगलुरु में पेट्रोल 101.94 रुपये और डीजल 87.89 रुपये प्रति लीटर
– भुवनेश्वर में पेट्रोल 103.19 रुपये और डीजल 94.76 रुपये प्रति लीटर
– चंडीगढ़ में पेट्रोल 96.20 रुपये और डीजल 84.26 रुपये प्रति लीटर
– हैदराबाद में पेट्रोल 109.66 रुपये और डीजल 97.82 रुपये प्रति लीटर

31 मई से हो सकता है पेट्रोल डीजल का संकट
देश में पेट्रोल-डीजल सस्ता होने के बाद 31 मई से इसकी किल्लत हो सकती है. दरअसल, राजधानी दिल्ली समेत 14 राज्यों के पेट्रोल पंप डीलरों ने 31 मई 2022 से सरकारी तेल कंपनियों के ऑयल डिपो से पेट्रोल-डीजल नहीं खरीदने का फैसला किया है. पंप मालिकों का कहना है कि 2017 के बाद से पेट्रोल-डीजल बेचने पर उनका कमीशन नहीं बढ़ाया गया है. अपनी मांगों को लेकर सरकार पर दवाब बनाने के लिए पंप मालिकों ने ये फैसला लिया है.