मेरठ. कभी गुड़ का व्यापार करने वाले हाजी याकूब कुरैशी ने मीट के कारोबार में उतरे तो सियासत की सीढ़ियां भी चढ़ते चले गए। याकूब ने नगर पालिका मेरठ के कमेले का ठेका ले लिया याकूब वर्ष 1995-96 में नगर निगम पार्षद चुने गए और फिर डिप्टी मेयर बन गए। 2002 की बसपा सरकार में याकूब का यह सफर राज्यमंत्री के पद तक पहुंचा।
करीब 63 वर्षीय हाजी याकूब के पिता फईमुद्दीन कुरैशी कभी कबाड़ी बाजार के चौपले पर गुड़ का व्यापार करते थे। आज भी वहां उनकी गुड़ की दुकान है जो किराए पर दे रखी है। पिता के साथ हाजी याकूब भी काम में हाथ बंटाते थे। याकूब गुड़ के व्यापार से निकलकर पहले प्रॉपर्टी डीलर बने ओर फिर मीट का कारोबार करने लगे। हापुड़ रोड पर बने नगर निगम के कमेले के ठेके से याकूब आर्थिक तौर पर मजबूूत होते चले गए। याकूब 2002 में बसपा से खरखौदा सीट से विधायक चुने गए। बसपा की सरकार बनी और हाजी याकूब राज्यमंत्री बनाए गए।
मंत्री बनने के बाद लगाई मीट फैक्टरी
मंत्री बनने के बाद याकूब ने खाड़ी देशों में मीट के निर्यात के लिए हापुड़ रोड़ पर फैक्टरी लगाई। नगर निगम के कमेले पर याकूब का कब्जा था ही। वर्ष 2016 में याकूब ने सिटी अस्पताल भी खरीद लिया। वर्ष 2007 में याकूब ने यूडीएफ नाम से अपनी पार्टी बनाई और मेरठ शहर सीट विधायक भी चुने गए। जीत के बाद उन्होंने यूडीएफ का बसपा में विलय कर दिया।
आखिरी चुनाव 2007 मेें जीता, 2013 में कमेला भी हुआ बंद
वर्ष 2012 से याकूब की मुश्किलें बढ़नी शुरू हुईं। याकूब 2012 में रालोद के टिकट पर सरधना से चुनाव लड़े पर हार गए। वर्ष 2013 में नगर निगम का कमेला तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खां ने ध्वस्त करा दिया। इसके बाद घोसीपुर में नए कमेले का भी याकूब ने ठेका लिया पर वह चल नहीं सका। वर्ष 2014 में याकूब ने बसपा के टिकट पर मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव लड़ा पर हार गए। इसके बाद 2017 में मेरठ दक्षिण विधानसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव हारे। वर्ष 2019 में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट से याकूब ने गठबंधन प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा पर जीत नहीं सके।
अखलाक परिवार और आजम से अदावत
मेरठ में नगर निगम के कमेले के ठेके के लिए हाजी याकूब और पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक के परिवारों के बीच अदावत भी रही। दोनों गुटों के बीच हुई फायरिंग मेें शाहिद के पिता हाजी अखलाक को गोली भी लग गई थी। सपा के कद्दावर नेता आजम खां से भी याकूब का समीकरण ठीक नहीं रहा।
स्वतंत्रता सेनानी थे हाजी याकूब के ताऊ
हाजी याकूब चार भाईयों में तीसरे नंबर के हैं। बड़े भाई डॉ. यूसुफ कुरैशी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। भाई अय्यूब और फारुख भी मीट कारोबारी हैं। हाजी याकूब की चार बेटियां और दो बेटे हाजी इमरान व भूरा हैं। हाजी याकूब के ताऊ हकीमुद्दीन स्वतंत्रता सेनानी थे। हकीमुद्दीन मेरठ के सांसद रहे जनरल शाहनवाज के करीबी भी रहे।