नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में मानसून पहुंच चुका है,जिसके चलते वहां झमाझम बारिश हो रही है। वहीं दिल्ली-एनसीआर समेत अभी कई राज्य ऐसे हैं, जहां मानसून ने अभी दस्तक नहीं दी है। ज्यादातर मैदानी इलाकों में पारा चढ़ा हुआ है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि मंगलवार को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में बारिश होने की संभावना है, लेकिन दिल्ली-एनसीआर समेत मैदानी इलाकों को बारिश के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है। 

अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, नागालैंड, मेघालय, त्रिपुरा, सिक्किम और मिजोरम में मानसून पहुंच चुका है। पश्चिम बंगाल और बिहार में भी मानसून के चलते झमाझम बारिश हो रही है। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भी मानसून के कारण बारिश देखने को मिल रही है। हालांकि, अभी भी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में मानसून नहीं पहुंचा है।छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तटीय कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के कई भागों  को भी मानसून अपनी फुहारों से राहत पहुंचा रहा है।

आईएमडी के मुताबिक, मंगलवार और बुधवार को उत्तराखंड के पौड़ी, टिहरी, देहरादून, पिथौरागढ़, बागेश्वर और नैनीताल समेत कई जिलों में भारी बारिश का अनुमान है। वहीं मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश में 11 जुलाई तक मौसम खराब बने रहने की आशंका जताई है। मंगलवार को शिमला समेत अन्य पहाड़ी इलाकों में बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग ने एक बयान जारी कर बताया कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के कुछ और हिस्सों में 10 जुलाई के आस-पास आगे बढ़ने की संभावना है। इससे 10 जुलाई से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बारिश के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है। आईएमडी के क्षेत्रीय प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा कि इससे पहले दिल्ली में 2012 में मानसून सात जुलाई को पहुंचा था, जबकि 2006 में मानसून ने नौ जुलाई को राजधानी में दस्तक दी थी।

मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो-तीन दिनों के दौरान पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में कोई खास बारिश होने की संभावना नहीं है, केवल हल्की बारिश या गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। पंजाब और हरियाणा के कई इलाकों में 8 जुलाई से मानसून के जोर पकड़ने की उम्मीद है और 8 से 10 जुलाई के बीच कुछ इलाकों में मध्यम बारिश हो सकती है। बता दें कि पंजाब और हरियाणा में 13 जून को ही दक्षिण-पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी थी, लेकिन उसके बाद पिछले एक पखवाड़े के दौरान चंडीगढ़ सहित दोनों राज्यों में ज्यादातर सूखा ही रहा है।