चेन्नई. गर्मियों में आइसक्रीम और ठंडे पेय पदार्थ सबसे बड़ी राहत देते हैं. इन दिनों देश में गर्मी के दौरान आइसक्रीम की बिक्री 45 फीसदी बढ़ गई है. चेन्नई में एक आइसक्रीम पार्लर 2 रुपए में आइसक्रीम कोन बेच रहा है. वीनू इग्लू चलाने वाली वी विनोथ कहते हैं कि वह अपनी खुद की बिक्री पर मार्जिन नहीं बनाते हैं.

विनोथ ने कहा कि, “मुझे अपनी आइसक्रीम की दुकान पर 2 रुपये की आइसक्रीम बेचने से कोई लाभ नहीं होता है, लेकिन आइसक्रीम को 2 रुपये प्रति कोन बेचने के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि ग्राहक अंत में उच्च-मार्जिन वाले उत्पादों का ऑर्डर देते हैं. आइसक्रीम के साथ केक या आइसक्रीम के साथ ब्राउनी या पालकोवा (दूध मावा – एक प्रसिद्ध डेयरी आधारित मिठाई) आइसक्रीम बेचकर मैं पैसा कमाता हूं.”

चेन्नई के पश्चिम माम्बलम में स्थित विनोथ के आइसक्रीम स्टोर शुक्रवार दोपहर भारी भीड़ थी. स्कूली बच्चे जो अभी भी छुट्टी पर हैं, एक-दो आइसक्रीम कोन के लिए सिक्कों के साथ कतार में खड़े हैं. इतना ही नहीं 70 वर्षीय पांचाली भी कतार में खड़ी हैं, उनके हाथ में 2 रुपये हैं.

गर्मी में मैं अपने लिए एक आइसक्रीम लेना चाहती थी. उन्होंने कहा कि, “मैं हर दूसरे दिन यहाँ आ रही हूँ क्योंकि आइसक्रीम इतनी सस्ती है. अन्य ग्राहक, यहाँ तक कि पुडुचेरी से आए लोग भी अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं. सभी 2 रुपये वाली आइसक्रीम लेना चाहते हैं.

फरवरी में वीनू इग्लू की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी. विनोथ जो कि दूसरी पीढ़ी के उद्यमी हैं और थोक चावल का व्यवसाय करते हैं. उन्होंने ने फिर से पारिवारिक व्यापार शुरू करने का फैसला किया. विनोथ ने पुरानी मूल्य निर्धारण रणनीति को भी अपनाने का फैसला किया, वेनिला, स्ट्रॉबेरी, चॉकलेट, पिस्ता और आम की आइसक्रीम सिर्फ 2 रुपये प्रति कोन के हिसाब से बेची.

साल 1995 में विनोथ के पिता विजयन ने 1 रुपये प्रति कोन के हिसाब से आइसक्रीम बेचना शुरू की थी. बिजनेस के दूसरे सप्ताह में कीमतें 2 रुपये तक बढ़ा दी गईं. विनोथ कहते हैं कि, ”जाहिर है ये दरें तब सुर्खियां नहीं बनी थीं. समय के साथ, व्यापार में वृद्धि हुई और विजयन के पास शहर भर में 5 शाखाएं थीं, जिनमें लोकप्रिय पश्चिम माम्बलम भी शामिल है, जहां से आज विनोथ व्यवसाय चलाते हैं.

मैं अक्सर क्लास बंक करता था और अपने पिताजी के साथ जाता था जब वह पुराने जमाने की कोन मशीन से आइसक्रीम बनाते थे जैसे कि आप पुराने सिनेमाघरों में देखते हैं. यह स्वभाविक था कि मैं एक दिन इस व्यवसाय का हिस्सा बन जाऊँगा. विनोथ याद करते हुए कहते हैं कि, हम लगभग 2008 तक इस व्यवसाय में थे लेकिन श्रम संबंधी मुद्दों के कारण इसे बंद करना पड़ा.

आज विनोथ की स्थानीय आइसक्रीम वेंडिंग में वापसी आइसक्रीम को सभी के लिए सुलभ बनाने की आवश्यकता के आधार पर हुई है. वीनू का इग्लू प्रतिदिन लगभग 50,000 रुपए का बिजनेस करता है और इसमें से 3,000 रुपए का योगदान उसकी लोकप्रिय 2 रुपए वाली आइसक्रीम से है. विनोथ ने बताया कि, ”इसका मतलब है कि करीब 1,500 ग्राहक हर दिन हमारे पास हमारे 2 रुपए के आइसक्रीम कोन के लिए आते हैं. अब भीड़ इतनी तेज से बढ़ी है कि विनोथ ने हाल ही में एक टोकन प्रणाली की शुरुआत की. अक्सर, दिन के मध्य में टोकन की संख्या 999 को पार कर जाती है.

विनोथ की 2 रुपए वाली आइसक्रीम की बिक्री बढ़ने की एक सबसे बड़ी वजह है लोगों की उत्सुकता. यहां ग्राहक आते हैं उनमें से कई शहर के दूर-दराज के हिस्सों से यहां, यह जानने के लिए कि पहुचंते हैं कि क्या वास्तव में 2 रुपये प्रति कोन वाली आइसक्रीम मिल रही है. जब वह इस बात से संतुष्ट हो जाते हैं तो हमारी शॉप से कई और सामान भी खरीदते हैं.

विनोथ का कहना है कि, वीनू के इग्लू को जो लोकप्रियता मिली है, उसका सबसे बड़ा कारण सोशल मीडिया और यूट्यूब है. उन्होंने कहा कि, आगे भी हम इसी कीमत पर आइसक्रीम कोन बेचेंगे और स्वाद के साथ कोई ज्यादा प्रयोग नहीं करेंगे. लोगों को सिर्फ साधाराण वनील और स्ट्रॉबैरी फ्लैवर पसंद है. हाल ही में हमने वॉटरमेलन और जैकफ्रूट फ्लैवर्स लॉन्च किए थे लेकिन उन्हें ज्यादा बेहतर रिस्पॉन्स नहीं मिला.