नई दिल्ली। पूरे विश्व में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के कारण हड़कंप मचा हुआ है। तमाम देशों ने ट्रेवल एडवाइजरी जारी कर यात्रा में प्रतिबंध लागू कर दिए गए हैं। इसी बीच दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में एक रिसर्च हुई है, जिससे पता चला है कि A, B और RH + ब्लड ग्रुप वाले लोगों कोरोना के जद में जल्दी आते हैं और AB, O और RH- ब्लड ग्रुप वाले लोगों में संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है।

सर गंगा राम में रिसर्च
सर गंगा राम अस्पताल में 8 अप्रैल, 2020 और 4 अक्टूबर, 2020 के बीच 2,586 कोविड -19 सकारात्मक रोगियों का अध्ययन किया गया। ये सभी रोगी कोरोना वायरस से पीड़ित थे। अस्पताल के डॉक्टर और विशेषज्ञों ने इस बात को जानने की कोशिश की कि आखिरकार किस ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना ने जल्दी जद में ली।

रिकवरी में लगने वाले समय और मृत्यु दर की जांच
गंगाराम अस्‍पताल की डॉ. रश्मि राणा ने बताया कि सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम कोरोनावायरस 2 का एक नया वायरस है। ब्‍लड ग्रुप का कोविड-19 जोखिम या प्रगति पर कोई प्रभाव पड़ता है या नहीं, इसलिए, हमने इस अध्ययन में एबीओ और आरएच ब्लड ग्रुप के साथ कोविड-19 की संवेदनशीलता, इसके निदान और रिकवरी में लगने वाले समय और मृत्यु दर की जांच की।

21 नवंबर के अंक में प्रकाशित हुई रिसर्च
रक्त आधान विभाग के सह-लेखक और अध्यक्ष डॉ विवेक रंजन ने बताया कि रक्त समूह बी वाले पुरुष रोगियों में समान रक्त समूह वाली महिला रोगियों की तुलना में वायरस का खतरा अधिक पाया गया और रक्त समूह एबी पाया गया। 60 वर्ष से कम आयु के रोगियों में संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होने के लिए। ये अध्ययन के निष्कर्ष फ्रंटियर्स इन सेल्युलर एंड इंफेक्शन माइक्रोबायोलॉजी के 21 नवंबर के अंक में प्रकाशित हुए थे।

 

इन ब्लड ग्रुप्स में रिकवरी सबसे तेज
वहीं डॉ. विवेक रंजन ने बताया कि बी+ पुरुष रोगियों को महिला रोगियों की तुलना में कोविड-19 का खतरा अधिक है। ग्रुप बी और ब्लड ग्रुप एबी को 60 वर्ष आयु वर्ग के रोगियों में संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील पाया गया। डॉ विवेक बोले, हमारे अध्ययन में यह भी पाया गया कि ब्लड ग्रुप ए और आरएच+ के मरीजों में रिकवरी अवधि में कमी पाई गई, जबकि ब्लड ग्रुप ओ और आरएच- में रिकवरी अवधि में वृद्धि मिली।