उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में दलबदल को लेकर चर्चाओं का बाजार भी गर्म है। अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी के समाजवादी पार्टी (एसपी) में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई। सोमवार को इसे लेकर इंटरनेट मीडिया पर कई संदेश भी वायरल हुए। प्रयागराज से भाजपा सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने बीते दिनों अपने बेटे मयंक को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाये जाने के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से बात भी की थी। इसके बाद ही मयंक के लखनऊ की कैंट सीट से चुनाव मैदान में उतरने की चर्चाएं तेज हो गई थीं। हालांकि, भाजपा ने अब तक मयंक को किसी सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया है। ऐसे में अब मयंक के सपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

लखनऊ कैंट सीट से उम्मीदवारी का विवाद खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। भारतीय जनता पार्टी में दर्जन भर उम्मीदवार इस सीट से दावेदारी कर रहे हैं। वर्ष 2017 में यह सीट कांग्रेस से भाजपा पाले में आई थी। इसकी वजह थीं डा. रीता बहुगुणा जोशी। उन्होंने पाला बदला और सीट का गणित भी बदल गया। इस विधानसभा चुनाव में रीता जोशी ने अपने बेटे मयंक जोशी को इस सीट से चुनाव लड़ाना चाहती हैं, लेकिन उन्हें सफलता मिलती नहीं दिख रही है। इस बीच मयंक जोशी के भाजपा छोड़कर सपा में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है।

भाजपा सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक जोशी को लखनऊ कैंट सीट से टिकट दिलाने के लिए राजनीति से सन्यास लेने की बात तक कही थी। उन्होंने कहा था कि भाजपा में परिवारवाद नहीं चलता है। इस कारण एक ही परिवार के दो सदस्यों को टिकट मिलना मुश्किल होगा। ऐसे में अगर पार्टी कहेगी तो वह त्यागपत्र दे देंगी। इसके अलावा वे सक्रिय राजनीति से भी दूर जाने की बात कह रही थीं। लेकिन, इस सीट के दावेदारों की संख्या इतनी ज्यादा है कि पार्टी किसी निष्कर्ष तक पहुंचने में अब तक कामयाब नहीं हो सकी।

मयंक जोशी ने पढ़ाई पूरी करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी की। वह वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी मां डा. रीता बहुगुणा जोशी के लिए लगातार प्रचार अभियान में जुटे थे। रीता बहुगुणा जोशी का दावा है कि मयंक 12 वर्षों से समाजसेवा के कार्यों में जुटे रहे हैं। वह वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के लिए कैंट विधानसभा सीट पर प्रचार अभियान में उतरे थे। उनके बारे में स्थानीय लोगों का भी कहना है कि मयंक मृदुभाषी और हर किसी की सुनने वाले नेता हैं।