भरवाईं. माता चिंतपूर्णी के दरबार में लाखों भक्त मनोकामना पूर्ति के लिए मां का आशीर्वाद लेते हैं। माता की सेवा में भी हजारों भक्त अपनी श्रद्धा से लाखों का चढ़ावा चढ़ाते हैं। जालंधर निवासी अविनाश कपूर हर साल मेलों में माता के भवन को लाखों के फूलों से सजाते हैं।

माता के प्रति गहरी आस्था रखने वाले अविनाश कपूर कभी भी इस बात का जिक्र नहीं करना चाहते कि इस में उनका कितना खर्च हुआ। वह मानते हैं कि जो भी उनके पास है वह माता के आशीर्वाद से ही है।

माता के नवरात्र में हर साल माता के पूरे भवन को रंग बिरंगे फूलों से सजाया जाता है। इसका सारा खर्चा अविनाश कपूर ही वहन करते हैं। सारे फूलों को पंजाब से ही लाया जाता है।

माता चिंतपूर्णी के भवन को कई प्रकार के फूलों से सजाया गया है जिसमें गेंदा, लिलि, आरकेट, कारनेशन, रजनीगंधा स्टिक, जेबरा अंथोनियम, लिलियम व हरा पत्ता शामिल है। ये पुष्प देखने में इतने सुंदर हैं कि माता के भवन की सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं। गेंदे की महक से सारा भवन खुशबू से महक उठता है।

माता चिंतपूर्णी उत्तरी भारत का सुप्रसिद्ध शक्तिपीठ है। सावन माह में लगने वाले इन नवरात्र में भगत नौ दिन माता की पूजा अर्चना कर माता से मनचाहा फल प्राप्त करते हैं। यहां माता सती के चरण गिरे थे। इसलिए यहां माता की पूजा का खास महत्व है। माता के दरबार में देश-प्रदेश से भक्त आते हैं।

सहायक मंदिर अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि जालंधर निवासी अविनाश कपूर हर साल माता के भवन को सजाते हैं। इसे वह बिल्कुल मुफ्त करते हैं। लाखों के फूल भवन में सजावट में लगाए जाते है। माता में गहरी आस्था रखने वाले अविनाश कपूर कभी इस बात की चर्चा नहीं करते है कि उनका इसमें कितना खर्च हुआ।