नई दिल्ली. देश में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 लागू होने के बाद उपभोक्ताओं को कई तरह के अधिकार मिल गए हैं. खासकर यात्रा के दौरान ट्रेन की एसी, बेडरोल, खान-पान या साफ-सफाई की शिकायत पर अब जुर्माना भी लगाया जा रहा है. पिछले दिनों ही इस कानून का सहारा लेते हुए एक शख्स ने रेलवे से 20 हजार रुपये जुर्माना वसूल लिया. शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन में खराब एसी को ठीक नहीं करना रेलवे पर भारी पड़ गया. दिल्ली उपभोक्ता आयोग ने इस मामले पर रेलवे पर 20 हजार रुपये जुर्माना के साथ-साथ शिकायतकर्ता का मुकदमा लड़ने के लिए 10 हजार रुपये खर्च भी देने को कहा.
बता दें कि इस मामले में एक यात्री की शिकायत के बाद भी ट्रेन में एसी ठीक नहीं किया गया था. शिकायतकर्ता ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के तहत दिल्ली उपभोक्ता आयोग में रेलवे पर 20 हजार रुपये का जुर्माना ठोक दिया था. ऐसे में अगर आप ट्रेन के साथ-साथ हवाई जहाज या किसी भी पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा कर रहे हैं तो आप संबंधित विभाग की शिकायत उपभोक्ता अदालतों में कर सकते हैं.
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पिछले दिनों दिल्ली उपभोक्ता आयोग ने रेलवे के उसे दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यात्रा के दौरान किसी भी असुविधा की शिकायत पर उपभोक्ता फोरम को सुनवाई का अधिकार नहीं है. रेलवे की तरफ से यह दलील दी गई थी कि किसी यात्री को रेलवे पर किसी तरह की शिकायत दावा करने के लिए रेलवे न्यायाधिकरण में शिकायत करनी चाहिए.
ट्रेन में एयर कंडीशनिंग डिब्बे में यात्रा करने वाले लोग अक्सर खराब एसी को लेकर परेशान रहते हैं. शिकायत की बात आती है तो लोग चुप्पी साध लेते हैं. लेकिन, हाल के दिनों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जब लोग शिकायत करने लगे हैं. हालांकि, लोगों को यह आशंका रहती है कि शिकायत करने पर कोर्ट कचहरी का चक्कर काटना पड़ेगा. लेकिन, साल 2019 में ही मोदी सरकार ने देश में नया कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया था. इसके बाद उपभोक्ताओं को कई तरह के अधिकार और सुविधाएं मिलनी शुरू हो गईं.
उपभोक्ता आयोग के दिए फैसले सुप्रीम कोर्ट में भी बरकरार रहते हैं. ट्रेन लेट होना भी अब उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत सेवा की खामी ही माना जाता है. इसके लिए यात्री के पास उपभोक्ता अदालत में जाना और मुआवजा पाने का विकल्प रहता है. क्योंकि, रेलवे जो ट्रेन टिकट जारी करता है, उसमें संबंधित रेलगाड़ी के प्रस्थान और गंतव्य तक पहुंचने का समय भी दिया रहता है.
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इसी तरह हवाई जहाज से सफर करने में भी आपके साथ कई तरह की समस्याएं आती हैं. इसको ध्यान में रखते हुए सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने यात्रियों के अधिकार को लेकर एक चार्टर तैयार किया है. इस चार्टर में यात्रियों को कई अधिकार दिए गए हैं, जिसका मकसद उनके हितों की रक्षा करना है. इस चार्टर के तहत अगर उपभोक्ताओं के हितों का ख्याल नहीं रखा जाता है तो हवाई यात्रा करने वाले यात्री भी उपभोक्ता आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.