दिल्ली/सोनीपत । कुंडली बार्डर पर कृषि कानूनों के विराेध में चल रहा प्रदर्शन अब कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनता जा रहा है। यहां पर कानून का राज समाप्त हो गया है। कथित प्रदर्शनकारियों की मनमानी के आगे कानून व्यवस्था ध्वस्त है। क्षेत्र के लोग परेशान हैं। शिकायत के बावजूद पुलिस रिपोर्ट तक दर्ज नहीं करती है। किसी तरह रिपोर्ट दर्ज हो भी जाती हैं तो उनपर कार्रवाई नहीं होती। यहां तक कि प्रदर्शन वाले क्षेत्र में पुलिस का प्रवेश भी वहां के कथित व्यवस्थापकों की स्वीकृति से ही होता है। बृहस्तिवार को जिस प्रकार कबिलाई फैसला कर एक युवक के हाथ-पैर काटकर और बाजू-टांग तोड़कर नृशंस हत्या करने के बाद पुलिस बैरीकेड पर लटका दिया गया, उससे क्षेत्र में खौफ व्याप्त है।
बार्डर क्षेत्र में कथित प्रदर्शनकारियों की मनमानी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पुलिस को बैरीकेड्स पर लटके शव तक पहुंचने के लिए घंटों तक इंतजार करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने एलान कर दिया कि कोई वहां नहीं जाएगा तो मतलब नहीं जाएगा। पुलिस करीब एक घंटे तक दूर खड़ी तमाशबीन बनी रही। उसके बाद पुलिस के अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के कथित व्यवस्थापकों से मनुहार की। उनकी स्वीकृति के बाद ही पुलिस ने शव को बैरीकेड्स से उतारा और पोस्टमार्टम को भिजवाया। ऐसे हालात में पुलिस तबिलाई अंदाज में हत्या करने, शव लटकाने और वीडियो जारी कर खुलेआम इसको स्वीकार करने वालों पर भी कार्रवाई आसानी से नहीं कर पाएगी।
बार्डर क्षेत्र से करीब डेढ़ दर्जन लड़कियां गायब हैं। इनमें से ज्यादातर का आज तक पता नहीं लग सका है। कई मामलों में नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई हैं। पुलिस केवल उन आरोपितों पर कार्रवाई कर सकती है, जिनको प्रदर्शनकारियों ने स्वयं ही लाकर दिया है। हालात यह हैं कि लोगों ने परिवार की महिलाओं को संबंधित क्षेत्रों में जाने से रोक दिया है।
कथित प्रदर्शनकारियों ने क्षेत्र के 10 से ज्यादा किसानों और दुकानदारों पर जानलेवा हमला किया है। उनपर तलवारों और भालों से वार किए गए हैं। उसके बावजूद आरोपितों पर कार्रवाई नहीं की गई हैं। कई लोगों से लूटपाट के मामले भी सामने आए हैं। रिपोर्ट दर्ज होने, आरोपितों के नाम बताने और सीसीटीवी फुटेज मिलने के बावजूद पुलिस कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पाई है।
जीटी रोड पर पक्का निर्माण कर लिया गया है। बोरवैल कर लिए गए हैं। इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई हैं, लेकिन कार्रवाई किसी पर नहीं की जा सकी है। एक वाहन पर पिछले दिनों खालिस्तानी झंडा लगाने का वीडियो वायरल हुआ का। उसके बावजूद पुलिस कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा सकी।
जिस प्रकार निहंगों ने विभत्स हत्याकांड को अंजाम दिया है और उसके वीडियो वायरल किए हैं। उससे क्षेत्र के गांवों में खौफ है। कोई व्यक्ति उस ओर जाने की हिम्मत नहीं जुटा रहा है। पुलिस और मीडियो को भी निहंगों ने दूर ही रोक दिया है। अब पुलिस ने सुरक्षा के चलते निहंगों के क्षेत्र से पहले ही बैरीकेडिंग कर दी है। वहां से किसी को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस को अनहोनी होने और निहंगों के उग्र होने का डर सता रहा है।
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