नई दिल्ली. किसी ने सच ही कहा है, ‘कोशिश करने वाले के लिए कुछ भी असंभव नहीं है’. सपने देखने और सफलता को परिभाषित करने वाली आईएएस अधिकारी आरती डोगरा का वर्णन करने के लिए ये शब्द बहुत छोटे हैं. अगर आपमें हिम्मत है और सच्ची लगन के साथ आरती डोगरा जैसा कुछ पाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं, तो आप निश्चित रूप से सबसे बड़ी सफलता हासिल कर सकते हैं.

आईएएस की सफलता की कई कहानियां साझा करने के बाद आज हम एक ऐसी लड़की की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसका समाज ने मजाक उड़ाया था, लेकिन कम कद की होने के बावजूद उसने अपना धैर्य कभी नहीं छोड़ा. एक आईएएस अधिकारी आरती डोगरा की प्रेरक यात्रा पर एक नजर डालना जरूरी है, जो आपके लिए प्रेरणात्मक कहानी हो सकती है. उत्तराखंड के देहरादून में जन्मी आरती डोगरा महज 3.5 फीट लंबी हैं. वह कर्नल राजेंद्र और कुमकुम डोगरा की बेटी हैं जो एक स्कूल प्रिंसिपल हैं. आरती डोगरा के माता-पिता ने जीवन के हर पहलू में उनका साथ दिया.

जब आरती का जन्म हुआ, तो डॉक्टरों ने कहा कि वह एक सामान्य स्कूल में नहीं जा सकेगी, लेकिन सभी बाधाओं को पार करते हुए, डोगरा ने देहरादून के एक प्रतिष्ठित गर्ल्स स्कूल में दाखिला लिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक किया. बचपन से ही शारीरिक भेदभाव का सामना करने वाली आरती डोगरा ने अपने हौसले को कभी नहीं छोड़ा और उन्होंने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा को पास कर लिया.

कई कठिनाइयों का सामना करने के बावजूद महिला आईएएस अधिकारी आरती डोगरा ने भारत की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा यूपीएससी पास की. आरती डोगरा ने 2005 में अपने पहले प्रयास में AIR-56 के साथ सिविल सेवा परीक्षा पास की. वह राजस्थान कैडर 2006 बैच से हैं और यहीं से एक समर्पित लोक सेवक के रूप में उनका सफर शुरू हुआ. वह तब से राजस्थान सरकार में विभिन्न पदों पर कार्यरत हैं.