नई दिल्ली. देशभर में नींबू की कीमतों के अचानक 300 रुपये प्रति किलोग्राम के पार चले जाने के बाद चारों तरफ हाहाकार मच गया है. टमाटर से लेकर हरी सब्जियों तक के दामों में वैसे तो इजाफ हुआ है लेकिन नींबू ने लोगों के होश उड़ा दिए हैं. सामान्य मार्केट में 10 रुपये का एक नींबू मिल रहा है वहीं 300 से 400 रुपये किलोग्राम तक बेचा जा रहा है. दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश (UP) सहित लगभग सभी राज्यों में यही स्थिति है. वहीं गर्मी का मौसम होने के साथ ही नवरात्र और रोजे शुरू हो जाने के कारण इसके इस्तेमाल को लेकर सोचना पड़ रहा है. हालांकि एक सवाल सभी के मन में है कि नींबू की कीमतें अचानक क्यों बढ़ गई हैं? इन गर्मियों में ऐसा क्या हुआ है कि नींबू इतना महंगा हो गया है?
दिल्ली की की सबसे बड़ी फल और सब्जी मंडी आजादपुर में पिछले कई सालों से नींबू का व्यापार कर रहे आढ़तियों ने न्यूज 18 हिंदी से बातचीत में इसके पीछे की वजहें बताई हैं. नींबू के थोक विक्रेता वीरेंद्र जैन ने बताया कि थोक मंडी में फल और सब्जियों की बोली लगती है. बाहर से आने वाले अन्य थोक व्यापारी बोली लगाकर यहां से माल ले जाते हैं. मंडी में आज यानि 9 मार्च को एक किलोग्राम नींबू का दाम 160 से 180 रहा है. अगर नींबू के दामों की पिछले साल से तुलना करें तो इस साल नींबू का रेट करीब पांच गुना ज्यादा बढ़ गया है. पिछले साल आजादपुर में 35-40 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से नींबू बेचा गया था.
वीरेंद्र जैन ने बताया कि नींबू का दाम बढ़ने की एक ही वजह सामने आ रही है और वह यह है कि हर साल देशभर में मार्च और अप्रैल के महीने में सिर्फ आंध्रप्रदेश राज्य से नींबू आता है. यहीं से पूरे देश में नींबू की सप्लाई होती है लेकिन पिछले साल 2021 के अक्टूबर-नवंबर में इस राज्य में आई भारी बाढ़ में नींबू की खेती बर्बाद हो गई. इन्हीं महीनों में आंध्र प्रदेश में नींबू के पेड़ों पर फूल आना शुरू होता है और मार्च-अप्रैल में नींबू बनकर आता है लेकिन बताया जा रहा है कि बाढ़ के चलते नींबू की फसल को बड़ा नुकसान हुआ और सिर्फ 10 से 20 फीसदी ही फसल बच पाई है. इसी वजह से आंध्र प्रदेश से इस साल कम माल आ रहा है और नींबू के दाम चढ़े हुए हैं.
वहीं शिव शक्ति लेमन कंपनी के प्रमुख और थोक व्यापारी योगेश अरोड़ा ने बताया कि नींबू के महंगा होने के पीछे आंध्रप्रदेश में हुई कम खेती ही जिम्मेदार है. आमतौर पर हर दिन नींबू की 200 गाड़ियां इस राज्य से निकलकर देशभर की मंडियों में पहुंचती हैं. आंध्र के कुछ इलाकों जैसे तेनाली, राजामुंदरी, ईस्ट गोदावरी वाली बेल्ट के अलावा हैदराबाद के नालगोंडा में भी नींबू इस बार नहीं हुआ है. इसके अलावा रमजान के चलते भी नींबू की मांग काफी बढ़ गई है जो कि नींबू की आवक के हिसाब से काफी ज्यादा है, इसीलिए इसकी कीमतें और ज्यादा बढ़ गई हैं. चूंकि इस मौसम में अन्य किसी भी राज्य का नींबू नहीं आता है, सिर्फ एक ही राज्य पर निर्भरता है. इसलिए भी इस बार नींबू ऊपर चढ़ गया है. अभी कीमतें कम होने की संंभावना नहींं है.
आंध्र प्रदेश के बाजार में भी महंगा है नींबू
नींबू का प्रमुख उत्पादक राज्य होने के बावजूद आंध्र प्रदेश में भी नींबू इस बार काफी महंगा बिक रहा है. जिससे किसान तो खुश हैं लेकिन उपभोक्ता काफी दुखी हैं. राज्य के नेल्लोर और तिरुपति के बाजारों में इस समय नींबू 180 से 190 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल रहा है. इस राज्य में प्रति किलोग्राम सेब के बराबर ही लोगों को एक किलो नींबू का दाम देना पड़ रहा है. जानकारी के मुताबिक उत्तर भारत में नींबू की भारी मांग के चलते ज्यादातर माल यहां सप्लाई किया जा रहा है, यही वजह है कि उत्पादक बेल्ट होने के बावजूद इस राज्य में नींबू की कीमतें चढ़ी हुई हैं. कहा जा रहा है कि साल 2004 के बाद इस बार नींबू सबसे ज्यादा महंगा बिक रहा है.