मेरठ। दिल्ली-एनसीआर में सबसे तेजी से उभरते शहर मेरठ में भी अब मेट्रो रेल स्थानीय आवागमन आसान करने जा रही है। मार्च 2025 में मेट्रो का संचालन शुरू हो जाएगा। यह सबसे व्यस्त मार्ग दिल्ली रोड और रुड़की रोड के लोगों के लिए फायदेमंद होगी। एक तरह से यह आधे शहर में आवागमन आसान कर देगी। यह दिल्ली, नोएडा की मेट्रो की तुलना करने पर मेरठ मेट्रो थोड़ी अलग है। यहां पर लाइट मेट्रो चलेगी जिसमें कुल डिब्बे रहेंगे। यही नहीं इसका संचालन कोई मेट्रो रेल कारपोरेशन नहीं करेगा बल्कि रैपिड रेल संचालित करने वाला राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम करेगा। इसके लिए शहर में 13 स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसमें मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दीनगर , ब्रह्मपुरी ट्रांसपोर्ट नगर, मेरठ सेंट्रल , भैंसाली, बेगमपुल, एमईएस, डोरली,मेरठ नार्थ, मोदीपुरम नाम से स्टेशन हैं। यह रैपिड रेल के कारिडोर पर ही दौड़ेगी। इसका नियंत्रण कक्ष मोदीपुरम में बनेगा।

80 की गति से दौड़ेगी, गाजियाबाद नहीं जाएगी
मेरठ मेट्रो की गति 80 किमी रहेगी। जबकि औसत गति 35 किमी रहेगी। मेरठ मेट्रो सिर्फ मेरठ की सीमा में रहेगी। यह मोदीनगर भी नहीं जाएगी। न ही गाजियाबाद न ही नोएडा।

हर पांच मिनट में मिलेगी तीन डिब्बों वाली मेट्रो
मेरठ के 21 किमी लंबे कारिडोर पर मेट्रो हर पांच मिनट में आएगी। इसके लिए तीन भूमिगत स्टेशन के अलावा बाकी के 10 स्टेशन एलिवेटेड है जिसमें मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नार्थ, मोदीपुरम व मोदीपुरम डिपो है।

सुविधाओं से लैस रहेगी मेट्रो
आरआरटीएस स्टेशन व ट्रेन दोनों ही अनूठी सेवाएं से परिपूर्ण है जिनमें चौतरफा सीसीटीवी कवरेज, महिलाओं, विकलांगों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए बैठने की अलग सीटो की प्राथमिकता, वाई-फाई कनेक्शन, बिजनेस क्लास कोच और उनके यात्रियों के लिए एग्जीक्यूटिव लाउंज, एडवांस सुरक्षा स्कैनिंग मैकेनिज्म इत्यादि। आपातकालीन या मेडिकल इमरजेंसी की स्थिति में स्टेशनों के डिजाइन में बड़े आकार की लिफ्टों का प्रविधान है जो मरीजों को स्ट्रेचर सहित ले जाने में सक्षम होंगे।