साल 2008 में अमेरिका में आई मंदी से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था हिल गई थी. वैश्विक आर्थिक मंदी का जब भी जिक्र होता है तो इस बड़े वित्तीय संकट की चर्चा जरूर होती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं अमेरिका में यह आर्थिक संकट क्यों आया और इसकी क्या वजह रही? इस फाइनेंशियल क्राइसिस का एकमात्र कारण रहा लेहमन ब्रदर्स का दिवालिया होना. आपमें से कई लोग इस अमेरिकी इन्वेस्टर बैंक के बारे में शायद नहीं जानते होंगे. आपके मन में यह सवाल भी उठ रहा होगा कि आखिर एक इन्वेस्टमेंट बैंक के डूबने से इतना बड़ा संकट कैसे आया? आइये आपको बताते हैं इसका कारण.
दरअसल लेहमन ब्रदर्स, अमेरिकी शेयर बाजार में लिस्टेड चौथा सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट बैंक था. आज से 15 साल पहले 15 सितम्बर 2008 को यह बैंक दिवालिया हो गया और इसके साथ ही पूरी दुनिया में गंभीर आर्थिक संकट की शुरुआत हुई, जो वैश्विक आर्थिक मंदी का कारण बनी. आइये आपको बताते हैं आखिर ऐसा कैसे हुआ और क्यों लेहमन ब्रदर्स को बचाने की कोशिश नहीं की गई.
अमेरिका में रियल एस्टेट सेक्टर में आई तेजी से लेहमन ब्रदर्स ने बुलंदियों को छुआ लेकिन, यही तेजी उसकी बर्बादी का कारण बनी. दरअसल 2002 से 2006 तक अमेरिका में रियल एस्टेट सेक्टर में बड़ी तेजी आई और इसका लेहमन ब्रदर्स समेत अन्य बैंकों ने जमकर फायदा उठाया. चूंकि घर खरीदने के लिए हमेशा एक बड़ी आबादी लोन लेती है, ऐसे में प्रॉपर्टी की डिमांड बढ़ने पर लेहमन ब्रदर्स ने जमकर लोन बांटे. इतना ही नहीं लेहमन ब्रदर्स ने 5 लोन देने वाली कंपनियों को भी खरीद लिया.
लेकिन, इस बीच अमेरिका में महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी और इसका नतीजा यह हुआ कि महंगे होम लोन के चलते ग्राहकों की ईएमआई बढ़ने लगी. ऐसे में कई ग्राहकों ने लोन चुकाना बंद कर दिया. इसके बाद लोन डिफॉल्ट बढ़ने लगे. वहीं, लोन चुकाने के लिए अचानक कई लोगों को अपने घरों को अधिक कीमत पर गिरवी रखना पड़ा और रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड गिरने लगी. यही घटना लेहमन ब्रदर्स के पतन का कारण बनी.
अमेरिकी रियल एस्टेट सेक्टर में डिमांड में आई बड़ी गिरावट के बाद एक-एक करके होम लोन कंपनी डूबने लगीं. मार्च 2008 में अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी होम लोन कंपनी बियर स्टर्न्स डूब गई. इसके बाद 17 मार्च को लेहमन ब्रदर्स के शेयर 48 फीसदी तक टूट गए. पतन का यह सिलसिला चलता रहा और आखिरकार लेहमन ब्रदर्स ने 15 सितंबर 2008 को दीवालयापन के लिए आवेदन किया. हालांकि, इस दौरान अमेरिकी सरकार ने इसे बचाने की तमाम कोशिश की लेकिन सारे प्रयास विफल रहे.
लेहमन ब्रदर्स के डूबने से अमेरिकी शेयर बाजार औंधे मुंह गिर गए. 29 सितंबर 2008 को यूएस स्टॉक मार्केट में कोहराम मच गया. अमेरिकी सूचकांक डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज एक दिन में 500 अंक से ज्यादा गिर गया, जो एक दशक में इंट्रा डे में आने वाली सबसे बड़ी गिरावट थी.
बैंकों और फाइनेंशियल कंपनियों के डूबने के डर से निवेशकों ने करेंसी मार्केट से $196 बिलियन निकाल लिए, जिसके चलते अमेरिका समेत पूरी दुनिया में आर्थिक मंदी आ गई और इसका प्रभाव डेढ़ साल तक रहा. इस दौरान लाखों लोगों की नौकरी गई और महंगाई तेजी से बढ़ी थी.